गोद लेने में लोगों की पहली पसंद बनी लाडली बेटियां

punjabkesari.in Saturday, Jul 25, 2015 - 02:16 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय समाज में भले लड़कियों को लिंगभेद का शिकार होना पड़ता हो लेकिन गोद लेने के लिए लोग उन्हें ही पसंद करते हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले 3 वर्ष के दौरान देश में 8733 बच्चे गोद लिए गए हैं जिनमें 5111 लड़कियां और 3615 लड़के हैं। 
 
वर्ष 2013-14 में कुल 3924 बच्चे गोद लिए गए जिनमें 2293 लड़कियां और 1631 लड़के हैं। वर्ष 2014-15 में 388 बच्चे गोद लिए गए। इनमें 2300 लड़कियां हैं। मौजूदा वर्ष में अप्रैल से जून तक की अवधि में 816 बच्चे गोद लिए गए हैं जिनमें 518 लड़कियां और 28 लड़के हैं। विदेशी लोग भी गोद लेने के लिए लड़कियों को ही ज्यादा पसंद करते हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013-14 में 422 बच्चे विदेशी लोगों को गोद दिए गए। इनमें 294 लड़कियां और 118 लड़के हैँ। वर्ष 2014-15 में 374 बच्चे विदेशी लोगों ने गोद लिए। इनमें से 255 लडकियां और 11 लड़के हैं। अप्रैल से जून 2015 की अवधि में 5 बच्चे विदेशियों का गोद दिए गए हैं। इनमें से 66 लड़कियां और 29 लड़के हैं।  
 
सूत्रों ने बताया कि देश में गोद लेने देने की प्रक्रिया को सख्त और तर्कसंगत बनाया गया है। इसके लिए एकीकृत बाल संरक्षण योजना के तहत कुछ गैर सरकारी संगठनों को अधिकृत किया गया है। देशभर में 1521 बाल गोद केंद्र और 320 गोद एजेंसियां है। सरकार ने अनाथ बच्चों के सरंक्षण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपी है। पिछले तीन साल के दौरान आयोग ने बच्चों के साथ दुव्र्यवहार, प्रताडऩा और शोषण के 74 मामले दर्ज किए हैं। ये मामले बाल सुधार गृह, बाल गृह और विशेष गोद एजेंसियों के खिलाफ हैं। 
 
बाल न्यायालय अधिनियम 2000 और केंद्रीय आदर्श नियमों के बाल सुधार, बाल गृह और विशेष गोद एजेंसियों का नियमन, निगरानी और मानकीकरण किया जाता है और इनको लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। सूत्रों ने बताया कि बच्चों को गोद देने के बाद संस्थाओं को बच्चे की देखभाल करने के लिए कहा जाता है। इसके लिए एक निश्चित समय पर बच्चे के आवास स्थल का दौरा किया जाता है। उनके मानसिक और शारीरिक विकास का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है। अगर बच्चे के विकास के लिए अनुकूल माहौल नहीं हो या कुछ संदिग्ध हो तो बच्चे को वापस लेने की व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा गोद लेने वाले लोग भी बच्चे को वापस कर सकते हैं। 

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