ये पुस्तक खोलेगी आरुषि-हेमराज हत्याकांड के कई राज!

punjabkesari.in Tuesday, Jul 07, 2015 - 05:50 PM (IST)

नई दिल्ली: आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले में विशेष सीबीआई न्यायाधीश को अंग्रेजी में टाइप करने वाले स्टेनोग्राफर को ढूंढने में परेशानी हुई जिस कारण उन्हें अपने वकील बेटे से फैसले के कुछ शुरुआती पृष्ठों को टाइप करवाना पड़ा। इस बहुचर्चित हत्या कांड पर अविरुक सेन की पुस्तक ‘आरुषि’ में इस तथ्य के अलावा इससे संबंधित कुछ अन्य छोटी छोटी बातों का जिक्र है जो कई राज खोलेगी। यह किताब महज हत्या के मुकदमे के बारे में नहीं है बल्कि यह उसे परे जाते हुए भारत में न्याय प्रक्रिया और जांच की प्रक्रिया की बारीकी से पड़ताल करती है। यह पुस्तक मामले की सुनवाई प्रक्रिया और मामले से जुड़े कई लोगों के साथ लेखक के साक्षात्कार पर आधारित है।   
 
न्यायाधीश श्यामलाल ने 25 नवंबर, 2013 को आरुषि के माता-पिता नूपुर और दीपक तलवार को इस मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें अगले दिन आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अभी वे दोनों गाजियाबाद के डासना जेल में बंद हैं। इस निर्णय के खिलाफ उनकी अपील अभी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित है। जब लेखक ने अब सेवानिवृत्त हो चुके न्यायाधीश से यह पूछा कि एक पेज को टाइप करने में कितना समय लगता है तो उन्होंने कहा कि एक पेज में अधिकतम दस मिनट लगते हैं। 

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