साहित्यिक रचनाओं के लिए युगों-युगों तक याद किए जाएंगे बंकिमचंद्र चटर्जी
punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2015 - 03:53 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रगीत - वंदेमातरम् के रचयिता बंकिमचंद्र चटर्जी का जन्म 26 जून, 1838 को कांठल पाड़ा, परगना (बंगाल) में यादवचंद्र चटर्जी के घर हुआ था। बंकिमचंद्र को उनकी साहित्यिक रचनाओं के लिए युगों-युगों तक याद किया जाता रहेगा।
उन्होंने अपने उपन्यासों के माध्यम से देशवासियों में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह की चेतना का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
बंकिमचंद्र ने अपने लेखन की शुरुआत अंग्रेजी उपन्यास-राजमोहन''स स्पाउस से की थी। बाद में उन्होंने अपने उपन्यास को आधा-अधूरा ही छोड़ दिया और अपनी भाषा में साहित्य रचना की शुरुआत की।
उनके द्वारा रचित उपन्यासों में ‘दुर्गेशनंदिनी’, ‘आनंदमठ’, ‘कपालकुंडला’, ‘मृणालिनी’, ‘राजसिंह’, ‘विषवृक्ष’, ‘कृष्णकांत का वसीयतनामा’, ‘सीताराम’, ‘राधारानी’, ‘रजनी’ और‘इंदिरा’ प्रमुख हैं। इन सभी उपन्यासों की विशेषता यह है कि इनके पात्र ऐतिहासिक या तत्कालीन समाज से लिए गए हैं।