7 साल के बच्चे के आगे झुका नीतीश का सिर
punjabkesari.in Saturday, May 16, 2015 - 07:35 PM (IST)

पटना: पटना में आयोजित एक सम्मेलन में शामिल होने आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सिर सत्य के आगे झुक गया। नीतीश कुमार ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक 7 साल के बच्चे के आगे उन्हें इस तरह झुकना पड़ेगा। जी हां 7 साल के कुमार राज नाम के बच्चे ने राज्य में असमान शिक्षा व्यवस्था पर अपने बयान दिए। दरअसल एक सांस्कृतिक सम्मेलन में नालंदा के रहने वाले सात साल के कुमार राज को बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भाषण देने के लिए बुलाया गया था। बालक ने जब राज्य की शिक्षा व्यवस्था की परतें खोलना शुरू कीं तो एक समय के लिए मुख्यमंत्री के लिए गर्दन उठाकर लोगों की प्रतिक्रिया देखना मुश्किल हो गया। कुमार के भाषण पर पूरा माहौल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज रहा था।
कुमार ने अपने भाषण में सरकारी और निजी स्कूलों की व्यवस्था में फर्क बताते हुए कहा, ''दो तरह की शिक्षा की व्यवस्था है, अमीरों के लिए अलग जिनके बच्चे नामी प्राइवेट स्कूलों में पढऩे जाते हैं और गरीबों के लिए अलग जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढऩे जाते हैं। इससे साफ मालूम चलता है कि प्राइवेट स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में शिक्षा का घोर अभाव है। आखिर क्या कारण है कि कोई भी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील यहां तक कि उस स्कूल के शिक्षक भी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते। यही वजह है कि हम बच्चे हीन भावना का शिकार हो जाते हैं।''
अपने भाषण में कुमार ने बड़े होकर प्रधानमंत्री बनने के संयोग पर कहा, ''बड़ा होकर संयोग से इस देश का प्रधानमंत्री बन गया तो सबसे पहले पूरे देश के प्राइवेट स्कूलों को बंद करवा दूंगा ताकि सभी बच्चे सरकारी स्कूलों में एक साथ पढ़ सकें। चाहे वह डॉक्टर का बच्चा हो या किसान का। चाहे वह इंजीनियर का बच्चा हो या मजदूर का। तभी इस देश में समान शिक्षा लागू होगी।'' कुमार ने भाषण के अंत में कहा कि मुझे जो कहना था मैंने कह दिया। सही-गलत का फैसला लोगों के हाथ में है। हां मैं अपने मन की बात को मंच के माध्यम से रखकर अपने आपको बहुत हल्का महसूस कर रहा हूं।