नौकरी बदलने से पहले सोच लें, नहीं तो बहुत पछताएंगे

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2015 - 07:42 PM (IST)

जालंधर (ऊषा जैन शीरी): अच्छी नौकरी छोडऩा जितना आसान है उसे पाना उतना ही मुश्किल इसलिए कभी भी भावुकतावश नौकरी न छोड़ें। पहले ठंडे दिमाग से अच्छी तरह उसके फायदे नुक्सान जरूर तोल लें। अक्सर देखा गया है कि व्यक्तिगत जीवन में तनाव एवं समस्याएं आने पर पलायनवादी मन वर्तमान से पलायन चाहता है और बगैर कुछ सोचे समझे यह कदम उठा लेता है लेकिन इसके बाद का असर अनावश्यक परेशानियां ला सकता है। तब शायद आप कहें, हाय! मैंने अपने ही हाथों अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है।
 
समस्याएं सुलझाने पर ही आप सही निर्णय लेने  के काबिल बनेंगे। जानकारों का मानना  है कि नौकरी बदलने से पहले अपनी आकांक्षाओं को भली-भांति परख लेना चाहिए साथ ही अपनी योग्यता को कम या ज्यादा नहीं आंकना चाहिए। सही मूल्यांकन जीवन में सफल होने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
 
इसी के साथ यह भी जांचलें कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ''फैमिलियरिटी ब्रीडस कंटैंम्प्ट'' (किसी कार्य का गहन ज्ञान या किसी व्यक्ति से अत्यधिक नजदीकी की वजह से उनका महत्व कम होने लगना) वाली कहावत आपके कार्य के साथ भी चरितार्थ हो रही है। अनजाने का अकर्षण हकीकत में कई बार मोह भंग भी करता है। लेकिन यहां यह सलाह हरगिज नहीं दी जा रही है कि महज ओल्ड इज गोल्ड मानकर आप सदैव अपनी पुरानी नौकरी से चिपके रहें, फिर भले ही वह अपके उज्जवल भविष्य के शानदार कैरियर में बाधा ही क्यों न हो। 
 
नौकरी छोडऩे से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दें-
1. वेतन नौकरी के लिए सबसे प्रथम और महत्वपूर्ण प्रेरणा है। नई जगह अधिक वेतन मिलने जा रहा हो और अन्य सुविधाएं मिलाकर आपको आर्थिक लाभ अधिक दिखाई दे उस कार्य पर अवश्य गौर किया जा सकता है।
2. वर्तमान नौकरी में आपकी योग्यता का पूरा उपयोग न हो रहा हो, आगे सीखने को न मिल रहा हो, एक जड़ता की स्थिति सी आ गई हो जो आपमें कार्य के प्रति ऊब भर रही हो। 
3. आपके कार्य की प्रशंसा न करके बॉस आपकी हर समय आलोचना कर आपका मनोबल तोडऩे पर आमादा हो। परिणामस्वरूप आपके पास भी दफ्तर को लेकर सिर्फ नकारात्मक बातें रह जाएं और यह सब आपके व्यक्तित्व को प्रभावित कर रहा हो जिसका असर आपके परिवारिक जीवन पर पड़ रहा हो। 
अपनी टीम के प्रर्दशन को बेहतर बनाएं-
माहौल चाहे कैसा भी हो, अपनी टीम के प्रर्दशन का प्रबंध करना आपके लिए चुनौती होती है। अपनी टीम के सदस्यों की सफलता में मदद करने के लिए अतिरिक्त समय और प्रयास का निवेश करें:
1. सही नजरिया प्रदान करें- दबाव कम करने के लिए उन्हें मौज-मस्ती करने के लिए कामकाज ही उनकी जिंदगी में एकमात्र चीज नही है। 
2. समय निकालें- सिर्फ सर्वश्रेष्य खिलाडिय़ों पर ही नहीं, बल्कि टीम के प्रत्येक सदस्य पर ध्यान दें। बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों पर ध्यान देना तो  आसान होता है लेकिन सफलता इस बात पर निर्भर करती है किटीम का हर सदस्य अपना काम अच्छी तरह करे। 
3. आगे बढ़ें- जब कोई चीज योजना के हिसाब से कारगार न हो, तो असफलता को स्वीकार करें और आगे बढ़ें। 
4. टीम की सफलता पर केंद्रित रहें। व्यक्तिगत उपलब्धियों के बजाय उन उपलब्धियों का जश्र मनाएं, जिन्हें टीम ने मिलकर हासिल किया है। 

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