एक्शन में आए राहुल गांधी, किसानों से की मुलाकात

punjabkesari.in Saturday, Apr 18, 2015 - 05:35 PM (IST)

नई दिल्ली: करीब दो महीने तक अनुपस्थित रहने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज स्पष्ट किया कि वह भूमि अधिग्रहण विधेयक का पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे और सरकार को इसे वापस लेने की मांग पर झुकने को मजबूर करेंगे। कल की किसान रैली से पहले अपने आवास पर विभिन्न राज्यों के किसानों एवं उनके प्रतिनिधियों के साथ राहुल ने दो संवाद सत्र में चर्चा की। पार्टी नेताओं के अनुसार, कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उन्हें बताया कि वह और उनकी पार्टी राजग के भूमि अधिग्रहण विधेयक समेत किसानों के मुद्दे पर निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। 

किसान नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा लाये गए नये भूमि कानून पर उनका विचार पूछा । साथ ही यह भी पूछा कि बेमौसम बरसात और आेलावृष्टि के कारण फसलों को कितना नुकसान हुआ और सरकार उनके उत्पादों को किस कीमत पर खरीद रही है।   करीब 50 मिनट के चर्चा सत्र में हिस्सा लेने वाले कुछ किसानों ने कहा कि जो लोग जमीनी मुद्दों को नहीं समझते और जिन्हें कृषि की जानकारी नहीं है, वे नीतियां बनाने में लगे हैं चाहे भाजपा नीत सरकार हो या पूर्व की कांग्रेस नीत सरकार हो।  

पार्टी में सूत्रों ने बताया कि कल किसान रैली में राहुल ने इस मुद्दे पर विस्तार से बोलने का निर्णय किया है । वह लोकसभा में भी बोल सकते हैं । संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार से शुरू हो रहा है। चर्चा सत्र के दौरान हरियाणा के भिवानी के कुछ बुजूर्ग किसानों ने उन्हें ‘चौधरी राहुुल जी’ के रूप में संबोधित किया क्योंकि वे अपनी आेर ध्यान खींचना चाहते थे।  कुछ शिकायतें आई कि किसान रैली का आयोजन एेसे समय में किया जा रहा है जब फसलों की कटाई का समय है, लेकिन पार्टी के संवाद विभाग के प्रभारी रणदीन सुरजेवाला ने इसे तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि किसानों के मुद्दों को उठाने का कोई मौसम नहीं होता है। 

पार्टी नेताओं ने कहा, ‘‘ राहुल ने किसानों से कहा कि वह उनकी समस्याओं के बारे में निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस लड़ाई को एक दिन, एक महीने या एक वर्ष में समाप्त नहीं होने देगी। वह सरकार को किसानों के समक्ष झुकने पर मजबूर कर देंगे और वह इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचायेंगे।’’

राहुल के साथ मुलाकात करने वाले शिष्टमंडल में भट्टा परसौल गांव के किसान भी शामिल थे जहां 2011 में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ राहुल ने पदयात्रा की थी और इसके बाद भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास  अधिनियम 2013 अमल में आया।   बंद कमरे में किसानों के साथ हुई इस बैठक में राहुुल ने नये भूमि कानून का किसानों पर प्रभाव और देश में इसके बारे में समझ के बारे में विस्तार से चर्चा की। इसमें भट्टा परसौल से दो शिष्टमंडल शामिल था। 


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