चीन का यह कदम बढ़ाएगा भारत की चिंता

punjabkesari.in Thursday, Apr 09, 2015 - 05:52 PM (IST)

बीजिंग: चीन की योजना अब माउंट एवरेस्ट के रास्ते तिब्बत और नेपाल के बीच 540 किलोमीटर लंबा एक रेलमार्ग बनाने की है। यह रेलमार्ग माउंट एवरेस्ट के नीचे एक सुरंग से होकर गुजरेगा। भारत के पड़ोस में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने वाले चीन के इस कदम से भारत को चिंता हो सकती है।

चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली के अनुसार, ‘किंघाई-तिब्बत रेलवे के चीन-नेपाल सीमा तक तिब्बत के रास्ते किए जाने वाले प्रस्तावित विस्तार से द्विपक्षीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि फिलहाल दोनों देशों को जोड़ने वाला कोई रेलमार्ग नहीं है।’ इस रेलमार्ग के वर्ष 2020 तक पूरा हो जाने की संभावना है। बहरहाल, इस परियोजना की लागत पर कुछ नहीं कहा गया।

उल्लेखनीय है कि 1956 किलोमीटर लंबी किंघाई-तिब्बत रेलवे फिलहाल चीन के शेष हिस्सों को तिब्बत की राजधानी लहासा और इससे परे के इलाकों को जोड़ती है। ‘चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग’ के एक रेल विशेषज्ञ वांग मेंगशू ने कहा कि परियोजना शुरू हो जाने के बाद इंजीनियरों को कई कठिनाइयों का सामना करना होगा। साथ ही यह परियोजना मूर्त रूप ले लेती है, तो द्विपक्षीय व्यापार (खासतौर पर कृषि उत्पादों के), पर्यटन और जनता से जनता के संपर्क को विशेष बढ़ावा मिलेगा।’ 

 

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