...यहां 570 साल से नहीं खेली जा रही होली

punjabkesari.in Wednesday, Mar 04, 2015 - 11:14 AM (IST)

नारनौल: हरियाणा के सतनाली-महेंद्रगढ मुख्य सड़क मार्ग पर कस्बे से 11 किमी दूर गांव डालनवास और गादड़वास बसे हैं। लोग यहां 570 साल से धुलेंडी के दिन एक दूसरे पर रंग नहीं डालते।

दरअसल, यहां पर होली इसलिए नहीं मनाई जाती क्योकि इस दिन गांव में एक युवती अपने होने वाली पति की चिता में सती हो गई थी। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि माधोगढ़ के माडूराम का रिश्ता राजस्थान के गांव दोबड़ा की युवती से तय हुआ था। विवाह की तिथि निश्चित नहीं हुई थी। होली के दिन माधोगढ़ निवासी माड़ू सिंह दोस्तों के साथ खेलने के लिए डालनवास के बाठपाना मोहल्ले में आया था।

रंग खेलते समय माडूराम के सिर पर चोट लगने से उसकी मौत हो गई। दोबड़ा की जिस युवती से माडूराम का रिश्ता तय हुआ था, उसे किसी अनहोनी का आभास हुआ और उसने परिजनों से इस बारे में बात कर अपने होने वाले पति से मिलने की इच्छा जाहिर की। परिजनों ने उसे कमरे में बंद कर दिया।

बस फिर क्या था। परिजनों ने कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खोला और देखा कि युवती लड़के से मिलने चली हई है। युवती जब वहां पहुंची तो माडूराम के अंतिम संस्कार की तैयारी हो रही थी। युवती से देख कर बेहोश हो गई। होश आने पर युवती होने वाले पति की जलती चिता में कूदकर सती हो गई। युवती के ऐसा कदम उठाने पर डालनवास, माधोगढ, बारड़ा सहित क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। बस यहीं कारण है कि यहां होली नहीं खेली जाती।


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