Pics: सावधान! होली का रंग कहीं कर न दे जीवन में अंधेरा

punjabkesari.in Wednesday, Mar 04, 2015 - 07:32 AM (IST)

रोहतक (मैनपाल): त्यौहार हमारे जीवन को नए जोश, उमंग व उत्साह भर देते हैं। प्रेम भाव का प्रतीक रंगों का त्यौहार आने में महज एक दिन शेष है। बाजार मेें रंग, गुलाल व पिचकारियों सजे है। अगर, आप रंग-गुलाल खरीदने जा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं, खरीदारी में जरा सी लापरवाही आपके जीवन में अंधेरा कर सकती है। होली के रंग-गुलाल आपके चेहरे की खूबसूरती छिन सकते है, आपकी रंगीन दुनिया में अंधेर ला सकते हैं।

आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे? ऐसा इसलिए कि बाजारों में हानिकारक कैमिकल युक्त रंग-गुलाल बेचे जा रहे हैं, जो आपकी त्वचा के लिए बेहद नुक्सानदायक साबित हो सकते हैं। आंखों में जाने से आंखों की ज्योति तक जा सकती है। चिकित्सकों का कहना है ऐसे रंगों का कम से कम प्रयोग करना या न करना ही सर्वोत्तम उपाय है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में प्राकृतिक रंग का प्रयोग कर होली के त्यौहार की खुशियों का मजा पूरे जोश के साथ लिया जा सकता है। विभिन्न स्कूलों व कालेजों के बाहर छात्र-छात्राओं ने जमकर रंग गुलाल उड़ाया। वहीं, गांव की महिलाओं व युवतियों में होली को लेकर खासा उत्साह व जोश दिखाई दे रहा है।

रोजगार व अन्य कारणों के चलते विभिन्न इलाकों से आए लोग अपने-अपने परिवार के साथ होली का त्यौहार मनाने के लिए अपने पैतृक गांव में बने घरों की ओर रूख कर रहे हैं जिसके चलते बसों व रेलगाडिय़ों में खासी भीड़ देखी जा रही है। जांच परख के बाद खरीदे रंग-गुलाल: होली पर बाजार में कई प्रकार के हानिकारक कैमिकल युक्त रंगों की भरमार होती है,जिसमें स्प्रे में भरा रंग स्वास्थ्य के लिए बड़ा ही घातक साबित हो सकता है,इसलिए समझदारी व बचाव इसी में है कि पूरी तरह से जांच परख करने के बाद ही ब्रांडेड कंपनी का गुलाल व रंग खरीदें ताकि होली की खुशियों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।

इसी के साथ शहर में बच्चों की रुचि को ध्यान में रख कर बनाई गई आक र्षक डिजाइन की पिचकारियों बच्चों के मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बाजार में इन चाइनीज पिचकारियों की कीमत 10 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है। इसके अलावा बजार में गुलाल व रंगों की भरमार रही है। इसके अलावा यूं तो होली पर हर वर्ष लाखों का कारोबार होती है लेकिन इस बार एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार करीब 20 लाख रुपए के गुलाल का कारोबार होने की संभावना है। इसके अलावा करीब 30 लाख के करीब की पिचकारियों का व बाजार में युवाओं के मुख्य आकर्षण केंद्र बन रहे चाइनीज स्प्रे का कारोबार भी 18 से 20 लाख तक का आंकड़ा छू सकता है।

होली खेलने से पूर्व करे नारियल तेल की मालिश : त्वचा रोग विशेषज्ञ ने बताया कि  बाजार में होली त्यौहार पर त्वचा के लिए हानिकारक रसायन युक्त कलर स्प्रे व पक्के  रंग मौजूद हैं जिनसे त्वचा के खराब होने पूरी-पूरी संभावना बनी रहती है। जो आप के त्यौहार के रंग को फीका कर सकती है इसलिए बड़ी सावधानी से इस त्यौहार पर रंगों का प्रयोग करे। उन्होंने कहा कि फिर इन रंगों के प्रभाव से बचने के लिए त्वचा पर नारियल के  तेल से मालिश कर ले ताकि त्वचा सीधे ही कलर में मौजूद हानिकारक रसायनों के संपर्क में न आ सकें।  उन्होंने कहा कि जहां तक हो सके प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करे व तिलक होली से ही खुशियां के  मजा को दोगुना करें।

होली खेलने से पूर्व ये बरतें सावधानी
-जांच परख करके ब्रांडेड कंपनी के रंग व गुलाल का इस्तेमाल करें।
-रंग व गुलाल लगाते समय आंखों को अवश्य इनके संपर्क में न आने दे।
-स्पे्र वाले रंग का प्रयोग न करे।
-होली जलाने के लिए जलाऊ लकड़ी का इस्तेमाल करें।
-कैमिकल वाले रंगों के इस्तेमाल से बचे।
-रंगों के लिए पारिजात, टेसू के फूलों से बने रंगों को उपयोग में लाएं।
-अगर पानी से होली खेलना ही है तो साधारण पानी का इस्तेमाल कर होली खेलें।
 


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