कौन हैं अर्पिता मुखर्जी? जिनके घर ED को छापेमारी में मिला 20 करोड़ कैश, TMC से क्या है उनका नाता?

punjabkesari.in Saturday, Jul 23, 2022 - 04:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की एक ‘‘करीबी सहयोगी'' अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी कर 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। ईडी ने पश्चिम बंगाल के उद्योग और वाणिज्य मंत्री चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य और कई अन्य लोगों के परिसरों में समन्वित तलाशी शुरू की। इस बीच सवाल खड़े हो रहे हैं कि अर्पिता मुखर्जी कौन हैं और TMC से उनका क्या नाता है?
 

पार्थ चटर्जी की करीबी कैसे बनीं अर्पिता मुखर्जी
ED ने बताया है कि अर्पिता मुखर्जी पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की क्लोज एसोसिएट हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अर्पिता मुखर्जी कुछ बंगाली, ओड़िया और तमिल फिल्मों में काम भी कर चुकी हैं। वहीं अब इस बीच यह सवाल उठ रहा है कि अर्पिता मुखर्जी, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले पार्थ चटर्जी की करीबी कैसे बन गईं। 

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ये तो बस ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है
जानकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के  नेता और बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी दक्षिण कोलकाता में लोकप्रिय दुर्गा पूजा समिति नकटला उदयन का संचालन करते हैं। यह कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक है। अर्पिता मुखर्जी 2019 और 2020 में पार्थ चटर्जी के दुर्गा पूजा समारोह में नज़र आई थी। वही इस बीच भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने 2019 की दुर्गा पुजा की तस्वीर शेयर की है, जिसमें सीएम ममता बनर्जी, पार्थ चटर्जी और उनकी सहायक अर्पिता मुखर्जी एक साथ नजर आ रही हैं। अधिकारी ने कहा कि ये तो बस ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है। 

रिपोर्ट के अनुसार,  ऐसा माना जा रहा है कि दुर्जा पूजा कमेटी के जरिए ही पार्थ से अर्पिता की मुलाकात हुई।  वहीं, TMC ने इससे साफ इनकार कर दिया है कि अर्पिता मुखर्जी का पार्टी से कोई लेना देना है।

गौरतलब है कि ईडी ने शुक्रवार को कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में बड़ी कार्रवाई करते हुए अर्पिता मुखर्जी के परिसर से 20 करोड़ कैश और 20 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं, जिसती जांच की जा रही है।   केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया। पूर्व में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को समूह ‘सी' और ‘डी' कर्मचारियों, कक्षा 10वीं और 11वीं के सहायक शिक्षकों, प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था। कथित घोटाला जब हुआ था उस वक्त चटर्जी के पास शिक्षा का प्रभार था। 

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सीबीआई ने उनसे दो बार 26 अप्रैल और फिर 18 मई को पूछताछ की थी। तृणमूल कांग्रेस ने ईडी द्वारा छापेमारी की कार्रवाई को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार द्वारा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को ‘परेशान' करने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में टीएमसी ने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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