ED ने नगर निगम अधिकारी के घर पर की छापेमारी, 30 करोड़ की नकदी, सोना और हीरे बरामद
punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 10:05 AM (IST)

नेशनल डेस्क. मुंबई से एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वसई विरार नगर निगम से जुड़े करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है। ED की इस कार्रवाई में नगर निगम के नगर नियोजन उपनिदेशक वाय. एस. रेड्डी के पास से भारी मात्रा में नकदी, सोना और हीरे बरामद हुए हैं।
देशभर में 13 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने इस मामले में देश के 13 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिनमें हैदराबाद स्थित रेड्डी का घर भी शामिल था। इस छापेमारी में कुल 30 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई, जिसमें 8.6 करोड़ रुपये की नकदी और 23.25 करोड़ रुपये के सोने-हीरे के जेवर शामिल हैं। यह कार्रवाई नगर निगम में हुए अवैध निर्माण घोटाले के संबंध में की गई है।
अवैध निर्माण और फर्जी मंजूरी
ईडी ने जानकारी दी है कि नालासोपारा में मलजल शोधन केंद्र और कचरा डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित 30 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से 41 रिहायशी और व्यावसायिक इमारतें खड़ी कर दी गई थीं। आरोप है कि बिल्डरों और कुछ स्थानीय दलालों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन इमारतों को मंजूरी दिलवाई और फिर लोगों को धोखा देकर वहां फ्लैट बेच दिए।
पूर्व पार्षद और रेड्डी की मिलीभगत
जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में पूर्व पार्षद सीताराम गुप्ता, अनिल गुप्ता और उनके सहयोगियों की भी भूमिका रही है। इन लोगों को वाय. एस. रेड्डी का पूरा समर्थन मिला, जिससे यह अवैध काम आसानी से अंजाम दिया गया।
पहले भी विवादों में रहे हैं रेड्डी
वाय. एस. रेड्डी पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में फंस चुके हैं। अप्रैल 2016 में उन्होंने शिवसेना के एक पार्षद को 25 लाख रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मई 2016 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अब एक बार फिर से रेड्डी पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिससे नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
ईडी की जांच जारी
फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी है और इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। इस कार्रवाई से नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार और मिलीभगत की पोल खुल गई है।