कश्मीर में आर्मी का ‘हमदर्दी अभियान’ , आतंकियों से हथियार छोड़ घर लौटने की अपील

punjabkesari.in Saturday, Jun 15, 2019 - 05:26 PM (IST)

श्रीनगर (मजीद)  : आतंक का रास्ता अपनाने वाले कश्मीरी युवाओं को मुख्यधारा में लाने की मुहिम में सेना जुटी हुई है। हर उस घर का दरवाजा आर्मी खटखटा रही है जिस घर से किसी न किसी युवा ने हथियार उठाकर आतंकवाद का दामन थाम लिया है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां का कामरान खुर्शीद मनहास ऐसा ही युवा है जो आतंकी गुट में शामिल हो गया है। चार महीने पहले खुर्शीद घर छोडक़र गया और तब से इसी तरह घरवाले रो रहे हैं। आर्मी अफसर खुर्शीद के परिवारवालों से मिले और उन्हें समझाया कि वो अपने बच्चे को हिंसा छोडक़र मुख्यधारा में लौटने की अपील करें।

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जानकारी के अनुसार राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कश्मीरी युवाओं को आतंक का रास्ता छोड़ बातचीत करने के  न्यौते के बाद सेना ने युवाओं को मुख्यधारा में लाने की कोशिश तेज कर दी है। शोपियां जिले में हाल ही में आतंकवादियों में शामिल हुए युवाओं को वापस लाने के लिए सेना पहल कर रही है। सेना के उच्च अधिकारी दक्षिण कश्मीर के जि़लों में हाल ही में आतंकवादियों में शामिल हुए युआ के परिवारों तक पहुंचना शुरू कर दिया है। आतंकवाद ग्रस्त जिला शोपियां से यह पहल हुई है, जहां अरीना शोपियां गावों का पढ़ा लिखा युवा कामरान खुर्शीद जो सैनिक स्कूल में पढ़ा है। आतंकी संगठन में हाल ही में शामिल हुआ है। सेना के अफसर उसके घर पहुंचे और परिवार के लोगों के साथ एक घंटे समय बिताया। उन्हें समझाया की आतंक के रास्ते पर चलने से कुछ हासिल नहीं होगा।अफसर ने परिवार को आश्वासन दिया कि अगर वह अपने बेटे को वापस लौटाने की शुरुआत करेंगे तो सेना और सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी।

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44 आरआर के कमांडिंग अफसर एके सिंह ने कहा कि हमने एक मुहीम चलायी है जो भी लोग गलत रास्ते पर चले गए हैं और हथियार उठा रहे हैं वे वापस लौट आएं। यह पढ़ा लिखा बच्चा है। सैनिक स्कूल में पढ़ा है, सैनिक बना चाहता था, मगर गलत लोगों की बातों में आ गया, हम चाहते है कि वह वापस आएं। उन्होंने कहा कि इनका परिवार भी अच्छा है सब सरकारी मुलाजिम हैं। इनका फर्ज बनता है कि यह अपने बच्चे वापस सही राह पर लाएं। ए.के. सिंह ने कहा कि यह मुहीम हमारी तरफ से शुरू हुई है। हम नहीं चाहते हमारे हाथ से कोई बेकसूर मारा जाए, जो भी पुराने या नए आतंकी हैं उनके घर जाएं उनसे निवेदन करें कि अपने बच्चों वो वापस बुलाएं ताकि इलाके में अमन और शांति हो।
 
 


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Monika Jamwal

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