डीपी में तिरंगा, दिल में जहर, फेसबुक-ट्विटर पर भारतीय नामों से हमला, फर्जी अकाउंट्स से चल रहा है भारत विरोधी एजेंडा
punjabkesari.in Saturday, May 10, 2025 - 04:50 PM (IST)

नेशलन डेस्क: भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक और मोर्चा खुल गया है—यह युद्ध है सोशल मीडिया पर! जैसे ही भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया, उसी के साथ सोशल मीडिया पर गलत सूचना और दुष्प्रचार की बाढ़ आ गई। सरकार के मुताबिक 8 मई को ऐसे 8 हजार फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया, लेकिन हर दिन नए फेक प्रोफाइल बन रहे हैं जो देशवासियों को गुमराह कर रहे हैं। इन अकाउंट्स में से कई खुद को भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी बताते हैं, कुछ धार्मिक संगठनों या राजनीतिक दलों के समर्थक बनकर भ्रम फैलाते हैं। लेकिन इन सबका मकसद एक ही होता है—भारत में भ्रम, गुस्सा और डर का माहौल पैदा करना।
कैसे फैलाया जाता है प्रोपेगेंडा?
इन फर्जी अकाउंट्स का संचालन पाकिस्तान और कुछ अन्य विदेशी संगठनों द्वारा किया जा रहा है। ये अकाउंट्स भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने, सरकार के फैसलों पर सवाल उठाने और लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का काम करते हैं। उदाहरण के तौर पर – कुछ अकाउंट्स ने दावा किया कि भारत ने नागरिक इलाकों को निशाना बनाया, जबकि भारत सरकार ने साफ कहा कि ऑपरेशन सीमित, केंद्रित और गैर-उग्र था और केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया।
इन 7 तरीकों से पहचानें फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स
1. नाम और स्पेलिंग पर ध्यान दें
इन अकाउंट्स के नाम भारतीय जैसे होते हैं – Sharma, Patel, Gupta आदि लेकिन अक्सर इनमें स्पेलिंग की गलती होती है या नाम के साथ अनावश्यक नंबर होते हैं।
2. प्रोफाइल फोटो असली नहीं होती
कई बार ये प्रोफाइल पिक्चर्स स्टॉक इमेज या फिल्मी किरदारों की होती हैं। Google Reverse Image Search से आप ये पहचान सकते हैं कि फोटो असली है या कॉपी की गई।
3. भाषा और लोकेशन में गड़बड़ी
ये अकाउंट्स खुद को भारतीय बताते हैं, लेकिन भाषा में उर्दू, अरबी, पंजाबी के ऐसे शब्द मिलते हैं जो भारत में आम नहीं हैं। लोकेशन में अक्सर विदेशी शहर या गलत जगह होती है।
4. पोस्टिंग पैटर्न देखें
ऐसे अकाउंट्स आमतौर पर आधी रात या अजीब समय पर पोस्ट करते हैं। उनके पोस्ट का विषय हमेशा विवादित और भारत-विरोधी होता है।
5. फॉलोअर्स की संख्या गुमराह कर सकती है
इनके फॉलोअर्स ज्यादा हो सकते हैं, लेकिन पोस्ट पर लाइक और कमेंट बेहद कम होते हैं। इससे समझिए कि फॉलोअर्स फेक हैं।
6. भाषा में नफरत और अफवाह
इनके पोस्ट में अक्सर विभाजनकारी बातें, अधूरी जानकारियां और गढ़ी गई कहानियां होती हैं। इनसे दूर रहना ज़रूरी है।
7. संदिग्ध लिंक और वेबसाइट
ये अकाउंट्स अक्सर किसी अज्ञात वेबसाइट या YouTube चैनल का लिंक शेयर करते हैं जिनकी विश्वसनीयता नहीं होती। कभी किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांचें।
ऐसे अकाउंट्स की रिपोर्ट कैसे करें?
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फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (X) पर हर पोस्ट या अकाउंट के पास ‘Report’ का विकल्प होता है, वहां से ‘Fake Profile’ या ‘Harmful Information’ चुनें।
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पोथिरी, Alt News, Boom Live जैसी फैक्ट-चेक वेबसाइट पर दावे की सच्चाई पता करें।
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संदिग्ध पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट लेकर cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
सरकार की कार्रवाई
भारत सरकार इन मामलों को बेहद गंभीरता से ले रही है। 8 मई को ही 8,000 से अधिक फर्जी अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया। आईटी मंत्रालय लगातार सोशल मीडिया कंपनियों के साथ संपर्क में है ताकि ऐसे खातों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
जनता की ज़िम्मेदारी भी जरूरी
सोशल मीडिया की ताकत बड़ी है लेकिन इसके साथ ज़िम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी है। जब तक हर नागरिक फर्जी जानकारी को पहचानना और रोकना नहीं सीखेगा तब तक ऐसे दुष्प्रचार हमारी एकता को नुकसान पहुंचाते रहेंगे। सच को पहचानना आज देशभक्ति की पहली शर्त है।