'मुंह मारना गांव की भाषा है', बोले- अनिरुद्धाचार्य, गलत समझा गया मेरा मतलब लड़का-लड़की...
punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 02:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क। हाल ही में अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने अब इस पर सफाई दी है। सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 'मुंह मारना' गांव की एक सामान्य भाषा है और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह बात लड़का और लड़की दोनों के लिए कही थी।
व्यभिचारी लोग चरित्रवान नहीं होते
अनिरुद्धाचार्य ने कहा, "जो लड़की कई पुरुषों के साथ रही वह पतिव्रता नहीं है। व्यभिचारी लोग चरित्रवान नहीं होते, वे 'मुंह मारते हैं'।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पुरुष और स्त्री दोनों को चरित्रवान होना चाहिए और एक-दूसरे से व्यभिचार नहीं करना चाहिए। उनके अनुसार उन्होंने वही बात कही है जो शास्त्रों में लिखी है और उन्होंने अपने मन से कुछ भी नहीं कहा।
यह भी पढ़ें: 10 साल बाद ‘साधु’ बनकर लौटा पति, पहचान नहीं पाई पत्नी, फिर आई वो अंधेरी रात और...
लिव-इन रिलेशनशिप पर भी बोले
लिव-इन रिलेशनशिप के मुद्दे पर कथावाचक ने कहा कि यह अपवित्र है। उन्होंने कहा कि अगर कोई लड़का और लड़की एक साथ रह रहे हैं तो उन्हें शादी करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लड़का और लड़की अगर चरित्रवान होंगे तभी उनकी संतानें भी चरित्रवान होंगी और राष्ट्र का कल्याण करेंगी।
यह भी पढ़ें: TV की इस फेमस एक्ट्रेस ने फैंस को सुनाई खुशखबरी, सोशल मीडिया पर किया यह बड़ा ऐलान
उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे चरित्रवान रहते हुए अंतरिक्ष में जाएं, पढ़ें और सब कुछ करें लेकिन चरित्रवान रहें। उन्होंने कहा कि राम जैसा पुरुष और सीता जैसी स्त्री दोनों के लिए चरित्र की बात की जाती है।
रावण का दिया उदाहरण
लिव-इन के खिलाफ कानून लाने के सवाल पर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि कोई भी पुरुष हो या स्त्री उसे परायों से बचना चाहिए तभी वह पवित्र माना जाएगा। उन्होंने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि रावण ने पराई स्त्री को देखा तो उसका विनाश हुआ था।