अमित शाह ने पूछा- क्या देश का दोबारा बंटवारा चाहते हैं राहुल?

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2016 - 12:00 PM (IST)

नई दिल्ली: जेएनयू विवादों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपना ब्लॉग पोस्ट किया है। इस ब्लॉग में शाह ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। इस ब्लॉग को शाह ने ट्वीट भी किया है। 

अमित शाह ने अपने ब्लॉग में लिखा, केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सफलता से निराशा और हताश कांग्रेस गहरे अवसाद से ग्रस्त है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तो इस हताशा में देश विरोधी और देश हित का अंतर तक नहीं समझ पा रहे हैं। लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू ) में जो कुछ भी हुआ उसे कहीं से भी देश हित के दायरे में रखकर नहीं देखा जा सकता है। देश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगें और आतंकवादियों की खुली हिमायत हो, इसे कोई भी नागरिक स्वीकार नहीं कर सकता, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने जेएनयू जाकर जो बयान दिए हैं, उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी सोच में राष्ट्रहित जैसी भावना का कोई स्थान नहीं है।

उन्होंने लिखा कि इन छात्रों को सही ठहराकर राहुल गांधी किस लोकतांत्रिक व्यवस्था की वकालत कर रहे हैं। क्या राहुल गांधी के लिए राष्ट्रभक्ति की परिभाषा यही है? क्या उन्होंने देश की अलगाववादी शक्तियों से हाथ मिला लिया है? क्या वह स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति की आड़ में देश में अलगाववादीयों को छूट देकर देश का एक और बंटवारा करवाना चाहते हैं? क्या आप ऐसे राष्ट्रविरोधियों के समर्थन में धरना देकर देशद्रोही शक्तियों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं? कश्मीर में अलगाववाद के नारे लगाने वालों को समर्थन देकर राहुल किस राष्ट्रभक्ति का परिचय दे रहे है? क्या सियाचिन में सैनिकों के बलिदान को वह इस तरह की श्रद्धांजली देंगे ? 

उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से ऊपर उल्लेखित सवालों का 125 करोड़ देशवासियों की ओर से जवाब मांगता हूं और यह भी मांग करता हूं कि राहुल गांधी अपने इस कृत्य के लिए देश से मांफी मांगे। 


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