Manipur Violence: हिंसा के बीच श्रीनगर के SSP का मणिपुर हुआ ट्रांसफर, कौन हैं राकेश बलवाल?

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2023 - 09:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कः आतंकवाद संबंधी मामलों से निपटने में विशेषज्ञता हासिल करने वाले श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश बलवाल को ‘‘समय से पूर्व'' उनके मूल मणिपुर काडर में भेज दिया गया है जहां फिर से भड़की हिंसा ने पहले से खराब हालात को और तनावपूर्ण बना दिया है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2012 बैच के अधिकारी बलवाल को मणिपुर में कार्यभार संभालने पर नया पद दिया जाएगा। मणिपुर में इस साल मई से बहुसंख्यक मेइती और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा है। बलवाल को दिसंबर 2021 में अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) काडर में भेजा गया था।
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कई क्षेत्रों में रही तैनाती
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) काडर से आईपीएस राकेश बलवाल के समय से पहले उनके मूल काडर में तबादले के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।'' जम्मू क्षेत्र में उधमपुर के रहने वाले बलवाल मणिपुर पुलिस में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। वह आखिरी बार 2017 में चूराचांदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर रहे थे। वह थौबल और इंफाल क्षेत्रों में भी तैनात रहे हैं। उन्होंने श्रीनगर के एसएसपी का पद ऐसे वक्त में संभाला था जब शहर में अल्पसंख्यक सदस्यों की हत्या और पुलिसकर्मियों पर हमले समेत कई आतंकी गतिविधियां देखी जा रही थी।
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एसएसपी का पदभार संभालने के बाद बलवाल ने शहर में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया और यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादियों की मौजूदगी खत्म हो और अल्पसंख्यकों या सुरक्षाबलों पर कोई हमला न हो। उनके ही कार्यकाल में तीन दशक बाद सड़कों पर मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दी गई और इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोहों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। उनके कार्यकाल में ही जी20 के पर्यटन कार्यकारी समूह की मेजबानी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम शांतिपूर्वक आयोजित किए गए।

कई पदकों से भी किया जा चुका है सम्मानित
बलवाल को कई पदकों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके कार्यकाल में ही मीरवाइज उमर फारूक को चार साल बाद हाल में घर में नजरबंदी से रिहा किया गया और ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई। श्रीनगर एसएसपी का पदभार संभालने से पहले बलवाल प्रतिनियुक्ति के आधार पर साढ़े तीन साल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) में पुलिस अधीक्षक रहे। वह 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच करने वाले दल का भी हिस्सा थे। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की मौत हो गई थी। एक जून को त्रिपुरा काडर के 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को मणिपुर का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
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मणिपुर की राजधानी इंफाल में छात्रों की अगुवाई में हिंसा मंगलवार को तब फिर शुरू हुई जब जुलाई में लापता हुए दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं। मणिपुर में बृहस्पतिवार को सुबह भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहा और इंफाल वेस्ट में एक उग्र भीड़ ने उपायुक्त (डीसी) कार्यालय में तोड़फोड़ की तथा दो वाहनों में आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात उरीपोक, यैसकुल, सगोलबंद और टेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई जिसके कारण सुरक्षा बलों को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े थे।


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Content Writer

Yaspal

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