तीसरी लहर के खतरे के बीच आईसीएमआर का इशारा, खोले जा सकते हैं प्राइमरी स्कूल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 20, 2021 - 09:37 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि भारत में स्कूलों को फिर से खोलने की शुरूआत प्राथमिक विद्यालयों से करना समझदारी भरा कदम होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि बच्चों में कम संख्या में ‘ऐस रिसेप्टर' होते हैं जिनमें वायरस चिपकते हैं, ऐसे में वे वयस्कों की तुलना में वायरस संक्रमण से कहीं बेहतर निपट सकते हैं। ‘ऐस रिसेप्टर' ऐसे प्रोटीन होते हैं जो कोरोना वायरस के प्रवेश द्वार होते हैं। इनमें वायरस चिपक जाता है और कई सारी मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर देता है।

हालांकि, भार्गव ने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के कदम पर विचार करने की जरूरत होगी, यह अवश्य ही सुनिश्चित करना होगा कि स्कूली शिक्षकों और अन्य सहायक कर्मचारियों का टीका लग जाए। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईसीएमआर के हालिया राष्ट्रीय सीरो सर्वे में पाया गया है कि छह वर्ष से नौ वर्ष की आयु के बच्चों में एंटीबॉडी 57.2 प्रतिशत है , जो बहुत हद तक वयस्कों के समान है।

कई जिलों में कोविड-19 के मामले घट जाने को लेकर स्कूलों को खोलने के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि वयस्कों की तुलना में बच्चे संक्रमण से कहीं बेहतर निपट सकते हैं और यह स्थापित हो चुका है कि उनमें कम संख्या में ‘ऐस रिसेप्टर' होते हैं जिनमें वायरस चिपकते हैं।

कुछ देशों में, खास तौर पर स्कैंडेनेवियाई देशों (डेनमार्क, नार्वे और स्वीडन में), उन्होंने (अधिकारियों ने) पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान प्राथमिक विद्यालयों को बंद नहीं किया था...चाहे वहां कोविड की जो भी लहर रही हो, उनके प्राथमिक विद्यालय हमेशा खुले रहें।''

भार्गव ने कहा, ‘‘इसलिए, एक बार जब भारत स्कूलों को (फिर से) खोलने पर विचार करेगा तब इसकी शुरूआत प्राथमिक विद्यालयों से करना समझदारी भरा कदम होगा। साथ ही, हमें सुनिश्चित करना होगा कि सभी सहयोगी कर्मचारी, चाहे स्कूल बस चालक हों या शिक्षक हों, को टीका लग जाए। ''


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News