अमर्त्य सेन के ‘जय श्री राम’ नारे पर भाजपा का पलटवार, कहा-जमीनी हकीकत पता नहीं

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 09:47 PM (IST)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने ‘जय श्री राम' के नारे पर दिए बयान के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर शनिवार को निशाना साधते हुए कहा कि विदेश में रहने के कारण वह जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं। घोष ने बुद्धिजीवियों के एक वर्ग पर नारे लगाने के लिए पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर आंख मूंद लेने का भी आरोप लगाया।

घोष ने कहा, ‘‘वह (सेन) विदेश में रहते हैं, वह जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं। सभी के लिए अच्छा होगा कि वह विदेश में ही रहे।'' भाजपा नेता की टिप्पणी सेन के जादवपुर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में दिए उस बयान पर आयी है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मां दुर्गा' के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम' का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने के बहाने'' के तौर पर किया जाता है।

बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में जन्मे अर्थशास्त्री की टिप्पणी उन घटनाओं की पृष्ठभूमि में आयी है जिनमें देश के कई हिस्सों में लोगों के एक वर्ग ने दूसरों को ‘जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए विवश किया और इनकार करने पर उनकी पिटाई की। घोष ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कुछ बुद्धिजीवी हैं जो कह रहे हैं कि ‘जय श्री राम' भीड़ द्वारा लोगों को पीटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला राजनीतिक नारा है। लेकिन असल बात यह है कि बंगाल में हमारे दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं की हर दिन ‘जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए हत्याएं की जा रही हैं और उन्हें पीटा जा रहा है।'' उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल देश में राजनीतिक हत्याओं के मामले में शीर्ष पर है।

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा कि राज्य में बुद्धिजीवी ऐसी घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। बहरहाल, वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री पूर्णेंदु बोस ने कहा कि भाजपा राज्य में अपना राजनीतिक एजेंडा सिद्ध करने के लिए ‘जय श्री राम' के नारे का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘‘जय श्री राम' के नारे का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह भाजपा द्वारा अपना उद्देश्य सिद्ध करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला राजनीतिक नारा है।''

 


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Yaspal

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