गुवाहाटी-कोलकाता एलायंस एअर फ्लाइट में आई तकनीकी खराबी, सुरक्षित लैंडिंग से टली बड़ी दुर्घटना
punjabkesari.in Sunday, Aug 24, 2025 - 12:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क : गुवाहाटी से कोलकाता जा रही एलायंस एअर की फ्लाइट संख्या 9I756 में बुधवार को उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आ गई, जिसके चलते विमान को गुवाहाटी एयरपोर्ट पर एहतियातन वापस उतारना पड़ा। एलायंस एअर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स को सुरक्षित उतार लिया गया है, और यात्रियों की सहायता के लिए जरूरी व्यवस्थाएं की गईं हैं। फिलहाल तकनीकी समस्या के कारणों की आंतरिक जांच की जा रही है।
एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, यह फ्लाइट गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर 1:09 बजे कोलकाता के लिए रवाना हुई थी। उड़ान के कुछ समय बाद तकनीकी गड़बड़ी का पता चलने पर 1:42 बजे इमरजेंसी घोषित कर दी गई और विमान को वापस गुवाहाटी लाने का फैसला किया गया। विमान 2:27 बजे सुरक्षित लैंड कर गया और 2:40 बजे इमरजेंसी वापस ले ली गई। एयरपोर्ट प्रवक्ता के अनुसार, इस घटना का हवाई अड्डे के सामान्य संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
Scary Technical glitch mid-air
— Varun (@varunbhasinji) August 20, 2025
For a moment, it felt like time had stopped aboard the #allianceAir flight in Guwahati.
flight 9I756, flying from Guwahati to Kolkata, suddenly encountered a technical problem mid-air.
As the situation unfolded, passengers held their breath in… pic.twitter.com/iDQ8JjytqZ
डीजीसीए में स्टाफ की भारी कमी, समिति ने जताई सुरक्षा पर चिंता
वहीं, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) में कर्मचारियों की भारी कमी को लेकर संसद की एक स्थायी समिति ने बुधवार को बड़ा बयान दिया है। समिति ने कहा है कि डीजीसीए में मानव संसाधनों की किल्लत देश की विमानन सुरक्षा प्रणाली की अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा बन चुकी है। समिति ने नियामक को प्रशासनिक और आर्थिक स्वायत्तता देने की भी सिफारिश की है।
रिपोर्ट के अनुसार, डीजीसीए के 1,063 स्वीकृत पदों में से लगभग 50 प्रतिशत पद खाली हैं। समिति का मानना है कि यह स्थिति सिर्फ एक प्रशासनिक चुनौती नहीं, बल्कि विमानन सुरक्षा निगरानी प्रणाली के लिए भी गंभीर खतरा है। समिति ने सिफारिश की है कि सुरक्षा खामियों को शीघ्र दूर किया जाए, गंभीर मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए, और सभी एयरपोर्ट्स की क्षमता को विमानन कंपनियों के बेड़े के विस्तार के अनुरूप बढ़ाया जाए।