धर्मस्थल का भयानक रहस्य: पूर्व सफाई कर्मचारी के खुलासे ने मचाई सनसनी, तीर्थस्थल पर 100 से अधिक महिलाओं के कंकाल मिले
punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 02:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक के प्रसिद्ध तीर्थस्थल धर्मस्थल में हाल ही में एक भयानक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ के एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि 1995 से 2014 के बीच उसे लगभग सौ से अधिक महिलाओं और नाबालिगों के शव दफनाने या जलाने के लिए मजबूर किया गया। इन महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा के स्पष्ट निशान थे। इस खुलासे ने पूरे धर्मस्थल और कर्नाटक की जनता को झकझोर कर रख दिया है।
पूर्व सफाई कर्मचारी का डरावना खुलासा
यह सफाई कर्मचारी, जो दलित समुदाय से ताल्लुक रखता है, लगभग 20 वर्षों तक धर्मस्थल मंदिर प्रशासन के तहत काम करता रहा। उसने 3 जून को पुलिस को एक शिकायत दी, जिसमें उसने न केवल कंकालों के फोटो भी पेश किए, बल्कि बताया कि कैसे उसे दबाव में रखा गया और धमकाया गया। अगर उसने ऐसा करने से इनकार किया, तो उसे मारने की धमकी दी जाती थी। उसने कहा कि उसे कई बार खून खराबे और हिंसा के निशान वाले शव दफनाने पड़े। विशेष रूप से एक मामला बेहद भयावह था जब 2010 में एक 12 से 15 वर्ष की स्कूली छात्रा, जो स्कूल यूनिफॉर्म में थी, को दफ़नाया गया। उस लड़की पर भी यौन उत्पीड़न और गला घोंटने के निशान थे। एक अन्य घटना में एक 20 वर्षीय महिला का चेहरा तेज़ाब से जला दिया गया था और फिर उसे जलाया गया था।
मंदिर प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप
धर्मस्थल मंदिर का प्रशासन एक प्रभावशाली जैन परिवार के पास है। वर्तमान में मनोनीत राज्यसभा सांसद वीरेंद्र हेगड़े इस परिवार के प्रमुख हैं। पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि कई अपराधी मंदिर प्रशासन से जुड़े थे और उन्होंने इस पूरे कुकर्म को दबाने की कोशिश की। इस खुलासे ने यह सवाल उठाए हैं कि क्या मंदिर प्रशासन के कुछ लोग इन भयावह अपराधों में शामिल हैं या कम से कम इन्हें छुपाने में सहायक रहे हैं। हालांकि भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने इन आरोपों को निराधार करार दिया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर भय और बेचैनी बढ़ गई है।
पुरानी घटनाएँ और न्याय की मांग
धर्मस्थल में 2012 का सौजन्या बलात्कार-हत्या मामला भी लंबे समय से अनसुलझा पड़ा है। इस मामले ने पहले ही मंदिर और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए थे। सौजन्या के परिवार ने बार-बार न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन प्रभावशाली लोगों के दबाव के कारण जांच में बाधाएं आई हैं। इसी तरह अनन्या भट्ट नाम की एक छात्रा 2003 में धर्मस्थल की कॉलेज यात्रा के दौरान लापता हो गई थी। उसकी माँ सुजाता, जो सीबीआई में पूर्व स्टेनोग्राफर थीं, ने भी नई शिकायत दर्ज कराई है और एसआईटी जांच की मांग कर रही हैं।
एसआईटी जांच की मांग और कानूनी पहल
इन सब खुलासों और पुरानी घटनाओं को देखते हुए, कई वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। 16 जुलाई को वकीलों के समूह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की और उच्च स्तरीय एसआईटी गठित करने का अनुरोध किया। इस जांच में प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की जांच हो, एफएसएल टीम की भागीदारी हो, और सभी सबूतों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो।
व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा का सवाल
पूर्व सफाई कर्मचारी, जिसने यह सब खुलासा किया, अपनी जान को लेकर बेहद चिंतित है। उसने अपना शरीर पूरी तरह ढका हुआ था और पहचान छुपाई हुई थी। उसके वकील ने सुप्रीम कोर्ट के वकील को गुप्त लिफाफे में अपराधियों के नाम सौंपे हैं ताकि अगर उसे या उसके परिवार को कोई नुकसान पहुंचे तो न्यायालय कार्रवाई कर सके।