इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- दूसरे धर्म में की है शादी तो मैरिड लाइफ में परिजन भी नहीं दे सकते दखल
punjabkesari.in Friday, Sep 17, 2021 - 10:22 AM (IST)
इलाहाबाद - दूसरे धर्म में शादी करने वाले युवाओं को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। दरअसल, एक याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि दो अलग-अलग धर्मों के बालिगों ने अगर शादी की है तो उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार उनके माता पिता को भी नहीं है।
दूसरे धर्म में शादी की तो उनके वैवाहिक जीवन में कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि कोई दूसरे धर्म में शादी करता है तो उनके वैवाहिक जीवन में कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है साथ ही यदि वे पुलिस सुरक्षा की मांग करते हैं तो पुलिस को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी होगी।
जानकारी के अनुसार, शिफा हसन नामक एक मुस्लिम महिला ने एक हिंदू युवक से शादी की, जिसके बाद उसने जिलाधिकारी से हिंदू धर्म अपनाने की अनुमति मांगी। जिलाधिकारी ने इस संबंध में पुलिस थाने से रिपोर्ट की मांग की। इस पर पुलिस ने जानकारी दी कि युवक के पिता इस शादी से राजी नहीं हैं और वहीं लड़की के परिजन भी इसके खिलाफ हैं।
बालिग व्यक्ति को जीवन अपने तौर पर जीने का पूरा अधिकार है
इसके बाद शिफा को अपनी और पति की जान को खतरा महसूस हुआ जिसके बाद उशने कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की मांग की। इस पर कोर्ट ने किसी के हत्सक्षेप न करने और पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रदान करवाने को कहा। कोर्ट ने इस दौरान साफ तौर पर कहा कि बालिग व्यक्ति को जीवन अपने तौर पर जीने का पूरा अधिकार है और उसमें किसी का भी हस्तक्षेप मंजूर नहीं होगा।
बालिग को अपनी पसंद के जीवनसाथी को चुनने का पूरा अधिकार
हाईकोर्ट ने शिफा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि एक बालिग को अपनी पसंद के जीवनसाथी को चुनने का पूरा अधिकार है। ऐसे में उसकी पसंद या चुनाव पर कोई भी आपत्ति नहीं उठा सकता है और न ही शादी होने के बाद उनके वैवाहिक संबंधों पर किसी को भी आपत्ति करने का कोई अधिकार है। बता दें कि ये आदेश जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस दीपक वर्मा की खंडपीठ ने दिया।