वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रहा है कोरोना मरीजों के मौत का आंकड़ा! पढ़ें रिपोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2020 - 09:10 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन जारी किया गया जिससे भारत में और दूसरे कई देशों में वायु प्रदूषण को कम होता हुआ देखा गया। इस बारे में कई रिपोर्ट्स भी सामने आई जो यह दावा करती हैं कि लॉकडाउन के कारण देश भर में प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है।

वहीँ, वायु प्रदूषण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारीयों ने कहा है कि बढ़ता वायु प्रदूषण कोरोना के संक्रमण को बढ़ा सकता है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के मरीजों की मृत्यु दर में वायु प्रदूषण के कारण इजाफा होने की बड़ी आशंका देखी गई है।

कोरोना और वायु प्रदूषण
बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर कुछ देशों के स्वास्थ्य अधिकारीयों का कहना है कि उन्होंने ऐसे मरीज देखें हैं जो वायु प्रदूषण से जुड़ी बिमारियों से जूझ रहे थे और फिर वो कोरोना के भी शिकार हो गये। रिपोर्ट्स का मानना है कि जो लोग वायु प्रदूषण से सम्बंधित बिमारियों के मरीज होते हैं वो कोरोना के जल्दी शिकार हो जाते हैं।

वहीँ, विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल विश्वभर में तकरीबन 70 लाख मौतें हो जाती है।

वायु प्रदूषण जिम्मेदार
बीबीसी में प्रकाशित लेख के अनुसार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी टी एच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधार्थियों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि उन जगहों पर मौत की दर ज्यादा देखी गई है जहां पीएम 2.5 ज्यादा है। पीएम वो फाइन पार्टिकल्स होते हैं जो बेहद सूक्ष्म कण होते हैं और जो सांस लेते हुए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

इटली में अधिक मौतों का कारण
पूरी दुनिया में चीन और अमेरिका के बाद इटली की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां कोरोना के मरीजों की मौत तेजी से होती देखी गई है। वहीँ, वायु प्रदूषण और कोरोना संक्रमण के बीच सम्बंध देखने के लिए इटली के अधिकारिक आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि इटली के लोंबार्डी और एमिलिया रोमाग्ना इलाकों में कोरोना की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा 21 मार्च तक 12% था जबकि इटली के बाकि हिस्सों में यह आंकड़ा केवल 4.5% था।

इस बारे में साइंस डायरेक्ट में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि उत्तरी इटली में प्रदूषण ज्यादा रहता है और हो सकता है कि इसी वजह से इस इलाके में कोरोना के मरीजों मौत भी ज्यादा हुई है।

भारत पर भी असर
जबकि भारत भी इससे बचा नहीं है। इस बारे में दिल्ली के प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनरी के हेड डॉ. एस के छाबड़ा बताते हैं कि अगर वायु प्रदूषण से जुड़ी बिमारियों का लोग शिकार हैं तो निश्चित ही उनपर कोरोना का ज्यादा असर पड़ेगा।

वहीँ इस बारे में आईसीएमआर की प्रवक्ता डॉ. रजनी कांत का मानना है कि फ़िलहाल इसके अभी इसकी पुख्ता जानकरी नहीं है लेकिन हम इसपर काम कर रहे हैं।

 


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Chandan

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