2030 तक इंसानों जैसी सोच वाला AI बन सकता है खतरा : गूगल डीपमाइंड

punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 08:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क : गूगल डीपमाइंड की एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि साल 2030 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसानों जैसी समझ और सोचने की क्षमता हासिल कर सकता है। इस तरह के AI को AGI यानी आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस कहा जाता है।

रिसर्च में यह भी कहा गया है कि अगर AGI का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ, तो यह मानव जाति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यह इंसानों की जरूरत को खत्म कर सकता है और इसका गलत तरीके से इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

क्या है रिसर्च में

रिपोर्ट में लिखा गया है कि अगर AGI बहुत ताकतवर हो गया, तो यह इंसानों को हमेशा के लिए नुकसान पहुँचा सकता है- यहां तक कि मानवता का अंत भी कर सकता है। हालांकि, इसमें यह साफ नहीं बताया गया कि यह कैसे होगा।

इस रिपोर्ट को गूगल डीपमाइंड के को-फाउंडर शेन लेग और उनकी टीम ने मिलकर तैयार किया है। उन्होंने सुझाव भी दिए हैं कि AI कंपनियों को अभी से सावधानी बरतनी चाहिए और AGI को कंट्रोल में रखने के उपाय करने चाहिए।

चार तरह के खतरे बताए गए

इस रिसर्च में AGI से जुड़े चार बड़े जोखिमों का ज़िक्र किया गया है

  • गलत इस्तेमाल (Misuse)- किसी गलत मकसद से AGI का इस्तेमाल।
  • गलत निर्देश या दिशा (Misalignment)- AI का गलत तरीके से काम करना।
  • गलतियाँ (Mistakes)- AGI से होने वाली संभावित चूक या दुर्घटनाएं।
  • संरचनात्मक खतरे (Structural Risks)- AI के कारण समाज में असंतुलन या बंटवारा।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Parveen Kumar

Related News