Canada Strong Border Act: कनाडा का नया कानून बना खतरे की घंटी, अब भारतीय छात्रों पर पड़ेगा सीधा असर

punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 09:21 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। कनाडा सरकार ने संसद में एक नया और महत्वपूर्ण कानून 'स्ट्रॉन्ग बॉर्डर्स एक्ट' पेश किया है जिसका उद्देश्य शरणार्थी दावों को नियंत्रित करना, इमिग्रेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और विशेष रूप से ड्रग्स तस्करी खासकर फेंटानिल पर अंकुश लगाना है। यह कानून विशेष तौर पर अस्थायी निवासियों और विदेशी छात्रों पर लागू होगा, ताकि सिस्टम का गलत इस्तेमाल न हो सके।


शरण मांगने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि

कनाडा में शरण मांगने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इसमें भारतीय छात्र सबसे आगे हैं:

  • 2023 में: कुल 1,71,850 शरणार्थी दावे हुए जिनमें 32,000 से अधिक भारतीय थे। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने अकेले 20,245 शरण के दावे किए।
  • 2024 के पहले 9 महीनों में: 1,32,525 शरण के दावे दर्ज हुए। इनमें 13,660 दावे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के थे। सबसे ज्यादा दावे भारत (2,290) और नाइजीरिया (1,990) के छात्रों ने किए।
  • 2025 की पहली तिमाही में: अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने 5,500 शरण के दावे किए जो पिछले साल की तुलना में 22% अधिक हैं।

नए कानून के प्रमुख प्रावधान और भारतीय छात्रों पर प्रभाव

यह नया कानून कई कड़े नियम लेकर आया है जिसका सीधा असर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और अस्थायी निवासियों पर पड़ेगा:

  1. एक साल बाद किए गए दावे मान्य नहीं: अगर कोई व्यक्ति 24 जून 2020 के बाद कनाडा आया है और उसने एक साल से ज़्यादा समय बाद शरण का दावा किया है तो वह अब मंजूर नहीं होगा। यह नियम छात्रों और अस्थायी निवासियों दोनों पर लागू होगा चाहे वे देश से बाहर जाकर दोबारा लौटे हों।

 

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  1. अमेरिका से अवैध प्रवेश पर रोक: अगर कोई व्यक्ति अमेरिका से ज़मीनी सीमा के ज़रिए बिना अधिकृत पोर्ट से कनाडा आता है और 14 दिनों के बाद शरण का दावा करता है तो उसका केस भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।

  2. शारीरिक उपस्थिति अनिवार्य: इस कानून में साफ किया गया है कि शरण का फैसला तभी लिया जाएगा जब दावेदार शारीरिक रूप से कनाडा में मौजूद हो। बाहर रहते हुए दावे की सुनवाई नहीं होगी।

  3. IRCC को छात्रों की जानकारी साझा करने का अधिकार: इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) को अब यह अधिकार मिलेगा कि वह छात्रों की पहचान, स्थिति और दस्तावेजों से जुड़ी जानकारी देश और क्षेत्रीय एजेंसियों के साथ साझा कर सके।

  4. आवेदनों को रोकने और रद्द करने की नई शक्ति: IRCC के पास अब यह शक्ति होगी कि वह किसी भी समय समूह के स्तर पर इमिग्रेशन दस्तावेजों को रोक सकता है नए आवेदन लेना बंद कर सकता है या पहले से आए आवेदनों को कैंसिल कर सकता है।


 

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सीमा सुरक्षा और फेंटानिल तस्करी पर भी फोकस

कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर गैरी आनंदसांगरी ने कहा कि यह कानून कनाडा की सीमाओं को सुरक्षित रखने, अंतर्राष्ट्रीय अपराध और फेंटानिल तस्करी को रोकने और गैरकानूनी पैसों के लेन-देन पर अंकुश लगाने में मदद करेगा। कोस्ट गार्ड को अब सुरक्षा गश्त और निगरानी का अधिक अधिकार मिलेगा साथ ही वह सुरक्षा से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर सकेगा। हालांकि पुरानी पोर्ट पुलिस व्यवस्था फिर से शुरू नहीं की जाएगी।


भारतीय छात्रों के स्टडी परमिट में गिरावट

भारतीय उच्चायोग के अनुसार 2024 में करीब 4.27 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे थे जो किसी भी देश से सबसे ज़्यादा हैं। हालांकि 2025 की पहली तिमाही में भारत के छात्रों को दी गई स्टडी परमिट में 31% की गिरावट दर्ज की गई। इस साल की पहली तिमाही में 30,000 परमिट दी गई जबकि 2024 की पहली तिमाही में यह संख्या 44,295 थी। यह नया कानून निश्चित रूप से उन छात्रों और अस्थायी निवासियों के लिए चुनौतियाँ पैदा करेगा जो शरणार्थी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन इसका प्रभाव वास्तविक ज़रूरतमंदों पर भी पड़ सकता है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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