पैरिस जलवायु समझौते में जान फूंकने के लिए देशों के बीच करार

punjabkesari.in Monday, Dec 17, 2018 - 10:23 AM (IST)

कैटोविस (पोलैंड) : पैरिस में 2015 में हुए ऐतिहासिक जलवायु समझौते में जान फूंकने के लिए दुनिया भर के अनेक देशों ने करार किया है। कम से कम 200 देशों के प्रतिनिधियों ने सांझा नियम पुस्तिका को अंतिम रूप दिया। इसका मकसद वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सैल्सियस से नीचे रखने के पैरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करना है। सी.ओ.पी. 24 के अध्यक्ष माइकल कुॢतका ने कहा, ‘‘पैरिस समझौता कार्य योजना को एकसाथ लाना बड़ी जिम्मेदारी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लंबा रास्ता तय किया है। हमने पूरा प्रयास किया है कि कोई भी पीछे न छूटे।’’ लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भीषण बाढ़, सूखा और भीषण पर्यावरण स्थितियों का सामना कर रहे देशों का कहना है कि खनन गतिविधियों वाले शहर कैटोविस में जिस पैकेज पर सहमति बनी है उसमें विश्व के लिए जरूरी उत्सर्जन में कटौती के लिए कड़ी इच्छाशक्ति का अभाव है। विकासशील देशों जी 77 तथा चीन वार्ता गुट के अध्यक्ष मिस्र के राजदूत वाएल एबोउएमार्जड ने कहा कि नियम पुस्तिका में विकासशील देशों की तत्काल अनुकूलन जरूरतों पर ध्यान दिया गया है।

भारत ने  वार्ता के नतीजों को बताया सकारात्मक
 भारत ने पोलैंड में पर्यावरण पर वार्ता के नतीजों को ‘‘सकारात्मक’’ बताते हुए कहा कि उसने देश के अहम हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत में सार्थक भागीदारी की। वार्ता का मकसद ऐतिहासिक पैरिस समझौते के सफल क्रियान्वयन पर राष्ट्रों में सहमति बनाना है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के लिए पोलैंड में जुटे लगभग 200 देशों के वार्ताकारों के बीच 2015 पैरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के क्रियान्वयन के लिए नियम-कायदों को लागू करने पर सहमति बनी। पर्यावरण पर यह समझौता 2020 में प्रभावी होगा। पोलैंड के केटोविस शहर में हुई वार्ता का मकसद वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सैल्सियस से नीचे रखने के पैरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करना है। जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र के इस सम्मेलन को सी.ओ.पी.-24 के नाम से भी जाना जाता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘भारत सी.ओ.पी.-24 के नतीजे को सकारात्मक मानता है।  


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Tanuja

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