Agniveer: अग्निवीर का पहला बैच कब होगा रिटायर? जानें कितना मिलेगा पैसा और कहां मिलेंगे नौकरी के मौके
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 03:17 PM (IST)
नेशनल डेस्क : अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में चार साल की अवधि के लिए भर्ती किए गए अग्निवीरों का पहला बैच वर्ष 2026 में रिटायर होगा। योजना के अनुसार कुल भर्ती किए गए अग्निवीरों में से केवल 25 प्रतिशत जवानों को स्थायी सेवा का अवसर मिलेगा, जबकि शेष 75 प्रतिशत अग्निवीर चार साल की सेवा पूरी होने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि चार साल की सेवा समाप्त होने पर अग्निवीरों को कितनी आर्थिक सहायता मिलेगी और उनके लिए भविष्य में कौन-कौन से रोजगार के विकल्प उपलब्ध होंगे।
भारतीय सेना में अग्निवीरों का पहला बैच वर्ष 2022 में शामिल किया गया था। चार साल की सेवा पूरी होने के बाद इनकी सेवा अवधि अक्टूबर-नवंबर 2026 में समाप्त हो जाएगी। चार साल के बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीर स्थायी सेवा में शामिल किए जाएंगे, जबकि शेष 75 प्रतिशत रिटायर कर दिए जाएंगे। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों ने पूर्व अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों में छूट की भी घोषणा की है, जिससे सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें रोजगार के अवसर सुनिश्चित हों।
चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को कितनी राशि मिलेगी?
चार साल की सेवा पूरी होने के बाद अग्निवीरों को रिटायरमेंट के समय सेवा निधि के रूप में ब्याज सहित लगभग 11.71 लाख रुपये प्राप्त होंगे। खास बात यह है कि इस राशि पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा।
अग्निवीरों को पहले वर्ष मासिक वेतन के रूप में 30,000 रुपये मिलते हैं, जिसमें से 21,000 रुपये इन-हैंड सैलरी होते हैं और 9,000 रुपये कॉर्पस फंड में जमा किए जाते हैं। कॉर्पस फंड में केंद्र सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करती है। दूसरे वर्ष उनका मासिक वेतन बढ़कर 33,000 रुपये, तीसरे वर्ष 36,500 रुपये और चौथे वर्ष 40,000 रुपये हो जाता है। इन-हैंड सैलरी भी हर साल बढ़ती रहती है, जिससे अग्निवीरों को सेवा अवधि के दौरान आर्थिक स्थिरता मिलती है।
पूर्व अग्निवीरों के लिए नौकरी के अवसर
रिटायरमेंट के बाद पूर्व अग्निवीरों को कई सरकारी और अर्धसैनिक बलों में नौकरी के अवसर मिलेंगे। उन्हें ITBP, CRPF, BSF और CISF में भर्ती के लिए अलग से 10 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे। इसके साथ ही आयु सीमा और फिजिकल टेस्ट में छूट का भी प्रावधान किया गया है, जिससे पूर्व अग्निवीरों के लिए इन भर्तियों में शामिल होना आसान होगा।
कई राज्यों ने भी पूर्व अग्निवीरों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात, ओडिशा और उत्तराखंड ने पुलिस और पीएसी की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण और विशेष छूट देने की घोषणा की है। इससे पूर्व अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरी में शामिल होने की संभावनाएं और भी बढ़ गई हैं।
भविष्य में बढ़ सकती है अग्निवीर भर्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय सेना अब हर साल 1 लाख से अधिक पदों पर अग्निवीरों की भर्ती करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में हर वर्ष लगभग 50 हजार अग्निवीर भर्ती किए जाते हैं। भर्ती संख्या बढ़ाने का उद्देश्य सेना में युवा ऊर्जा को बढ़ावा देना और देश की सुरक्षा को मजबूत करना बताया जा रहा है।
अग्निपथ योजना युवाओं को केवल चार साल की सेवा का अवसर ही नहीं देती, बल्कि सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें आर्थिक सुरक्षा और सरकारी सेवाओं में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराती है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को अनुशासन, कौशल और स्थिर करियर प्रदान करना है, ताकि चार साल की सेवा समाप्त होने के बाद उनका भविष्य सुरक्षित और स्थिर बना रहे।
