पाक के बाद तुर्की बना 'भारत-विरोधी गतिविधियों' का बड़ा अड्डा, मुस्लिमों के ब्रेन वॉश के लिए कर रहा फ
punjabkesari.in Friday, Aug 14, 2020 - 10:51 PM (IST)
नई दिल्लीः अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर चुका तुर्की अब भारत विरोधी गतिविधियों और मुसलमानों को कट्टर बनाने के लिए फंडिंग कर रहा है। इतना ही नहीं, तुर्की अब पाकिस्तान के बाद ‘भारत-विरोधी गतिविधियों’ का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार केरल और कश्मीर समेत देश के तमाम हिस्सों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुर्की से फंड मिल रहा है।
भारतीय मुस्लिमों के ब्रेन वॉश के लिए दे रहा फंड
एक सीनियर गवर्नमेंट अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की भारत में मुसलमानों में कट्टरता घोलने और चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी यह कोशिश दक्षिण एशियाई मुस्लिमों पर अपने प्रभाव के विस्तार की कोशिश है। तुर्की को फिर से मजहबी कट्टरता की ओर ले जा रहे राष्ट्रपति एर्दोआन का सपना खुद को मुस्लिम देशों के नेता के तौर पर स्थापित करने का है।
जाकिर नाइक को भी कतर के रास्ते भेजे पैसे
अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के साथ मिलकर तुर्की जाकिर नाइक को भी कतर के रास्ते फंडिंग की है। विवादित इस्लामी उपदेशक नाइक मुस्लिमों को कट्टर बनाने और आतंक का रास्ता चुनवाने का आरोपी है। भारत को उसकी तलाश है और फिलहाल वह मलयेशिया में रह रहा है।
पाकिस्तान का 'नया दुबई' बन चुका है तुर्की
अधिकारियों ने यह भी कहा कि तुर्की अब पाकिस्तान का 'नया दुबई' बन चुका है। दरअसल संयुक्त अरब अमीरात का यह शहर 2000 से 2010 के बीच पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई का दूसरा घर और पश्चिम एशिया में भारत विरोधी गतिविधियों का धुरी बन गया।
गिलानी जैसे अलगाववादियों को सालों से पैसा देता रहा है तुर्की
भारतीय अधिकारियों का मानना है कि एर्दोआन अपने पोलिटिकल अजेंडा के तहत दक्षिण एशियाई मुस्लिमों खासकर भारतीय मुसलमानों पर तुर्की के प्रभाव का विस्तार करना चाहते हैं। अधिकारियों का कहना है कि तुर्की की सरकार सैयद अली शाह गिलानी जैसे कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेताओं को कई सालों से पैसे देती रही है। हालांकि, हाल के दिनों में उसने कश्मीर के अलावा देश के तमाम हिस्सों में चरमपंथी संगठनों के लिए फंडिंग की है जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
मुस्लिम देशों का नेता बनना चाह रहे एर्दोआन
एर्दोआन ने पिछले दिनों ऐतिहासिक हगिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदल दिया जो सन 1453 तक एक चर्च रहा था। एर्दोआन मुस्लिम जगत में सऊदी अरब की बादशाहत को चुनौती देने की लगातार कोशिशों में लगे हैं। पिछले साल उन्होंने मलयेशिया के तत्कालीन पीएम महातिर मोहम्मद और पाकिस्तान पीएम इमरान खान के साथ मिलकर नॉन-अरब इस्लामी देशों का एक गठबंधन तैयार करने की कोशिश की थी।