41 मजदूरों की जान बचाने वाले नायक ने फुटपाथ पर बिताई रात, बुलडोजर एक्शन पर बोले- यहां से नहीं हटेंगे

punjabkesari.in Friday, Mar 01, 2024 - 08:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को बाहर निकालने वाली टीम का हिस्सा रहे वकील हसन ने कहा कि वह उस जगह से नहीं हटेंगे। दिल्ली में अतिक्रमण हटाओ अभियान में अपना घर खो देने के बाद उन्होंने और उनके परिवार ने फुटपाथ पर ही अपनी दूसरी रात गुजारी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा उन्हें और उनके परिवार को नरेला में एक ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को ठुकराने के एक दिन बाद हसन ने कहा, ''मैं और मेरा परिवार खुले में रात गुजार रहे हैं। कुछ स्थानीय लोग हमें भोजन और पानी आदि मुहैया करा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमने रात को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर लिया है।''

अभी तक कोई मदद नहीं मिली
उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार को सरकार की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। वकील हसन पिछले साल नवंबर में उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के मलबे में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने वाली टीम का हिस्सा थे। उत्तर-पूर्व दिल्ली के खजूरी खास इलाके में डीडीए द्वारा चलाये गये एक अभियान में हसन का मकान गिरा दिया गया था। उन्होंने बृहस्पतिवार को बताया कि डीडीए अधिकारियों ने उनसे कहा था कि उन्हें एक घर मुहैया कराया जाएगा लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को इसलिए अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह केवल "मौखिक आश्वासन" था।

मांग पूरी नहीं हुई तो करेंगे भूख हड़ताल 
हसन ने उसी जगह मकान का निर्माण कराने की मांग की, जहां तोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल करेंगे। हसन ने दावा किया कि उसका घर बिना किसी पूर्व सूचना के ध्वस्त कर दिया गया, जबकि डीडीए ने कहा कि हसन इस बात से अवगत थे कि उनका मकान अतिक्रमण के दायरे में है और इसे 2016 में भी हटाया गया था, लेकिन उन्होंने 2017 में फिर से कब्जा कर लिया।


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Content Editor

rajesh kumar

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