सीजफायर के बाद विक्रम मिसरी पर ट्रोलिंग, राजीव शुक्ला, अखिलेश यादव और ओवैसी का समर्थन
punjabkesari.in Monday, May 12, 2025 - 12:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए सीजफायर के बाद, विदेश सचिव विक्रम मिसरी द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी। इसमें उन्होंने सीजफायर के बारे में जानकारी दी, लेकिन उनके बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें तीव्र आलोचना और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। विक्रम मिसरी ने ट्रोलिंग को देखते हुए अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट कर दिया। विक्रम मिसरी की प्रेस वार्ता के बाद सोशल मीडिया पर हुई ट्रोलिंग को लेकर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उनका समर्थन किया। उन्होंने इसे बेवजह और अनैतिक करार दिया। विक्रम मिसरी को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी देने के बाद आलोचना का सामना करना पड़ा।
विक्रम मिसरी का बयान और ट्रोलिंग की शुरुआत
10 मई को विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में 46 सेकंड में भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दी। हालांकि, इस संक्षिप्त बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें तीव्र आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लोग उनके बयान की गंभीरता और प्रभाव पर सवाल उठा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट प्राइवेट कर दिया।
राजीव शुक्ला का समर्थन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने विक्रम मिसरी का समर्थन किया। शुक्ला ने ट्वीट किया कि विक्रम मिसरी एक बेहतरीन अधिकारी हैं और उनका काम हमेशा सराहनीय रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय स्थायी समिति में उन्होंने विक्रम मिसरी को बहुत अच्छा काम करते हुए देखा है। शुक्ला ने यह भी जोड़ा कि सांसदों के बीच उनकी त्वरित प्रतिक्रियाओं को बहुत सराहा गया है।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी विक्रम मिसरी के खिलाफ हो रही ट्रोलिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि कुछ असामाजिक और आपराधिक तत्व विदेश सचिव और उनके परिवार के खिलाफ अपशब्दों की सीमाएं तोड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार और उसके मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। अखिलेश ने यह भी कहा कि यह कृत्य ईमानदार अधिकारियों का मनोबल तोड़ने वाला है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
ओवैसी का भी समर्थन
अखिलेश यादव के साथ-साथ एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिसरी का समर्थन किया। ओवैसी ने कहा कि मिसरी एक ईमानदार डिप्लोमैट हैं जो बिना रुके-थके देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सिविल सर्वेंट्स सरकार के अधीन काम करते हैं, और इसलिए सरकारी फैसलों के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर कोई आलोचना करता है तो उसकी दिशा ठीक होनी चाहिए।
विक्रम मिसरी का करियर और भूमिका
विक्रम मिसरी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने 2024 में विदेश सचिव के तौर पर कार्यभार संभाला था। इससे पहले, वह विनय मोहन क्वातरा के बाद इस पद पर नियुक्त हुए थे। मिसरी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राइवेट सेक्रेटरी के तौर पर भी कार्य किया है। उनकी विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता को कई बार सराहा गया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा की गई थी, जिसके बाद विक्रम मिसरी ने मीडिया से बात की थी। हालांकि, इस सीजफायर के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे तनाव बढ़ गया। इसके बावजूद, विक्रम मिसरी के बयान को ट्रोल किया गया, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल खड़े किए गए।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी को उनकी प्रेस वार्ता के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट कर दिया। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उनका समर्थन किया और इस ट्रोलिंग को बेवजह बताया। विक्रम मिसरी एक ईमानदार और कड़ी मेहनत करने वाले अधिकारी माने जाते हैं।