धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, समंदर में लैंड हुआ GRACE, देखें VIDEO
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 03:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 15 जुलाई 2025 दोपहर 3 बजे भारतीय समयानुसार, भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपनी 18 दिन लंबी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) यात्रा पूरी करके धरती पर कदम रखा। यह उनकी पहली अंतरिक्ष यात्रा थी जो एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) का हिस्सा थी। शुभांशु स्पेसएक्स के ग्रेस (Grace) यान में बैठकर कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतर गए। यह लैंडिंग भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय साबित होगी।
अंतरिक्ष में शुभांशु का सफर और मिशन
शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को फाल्कन 9 रॉकेट से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। अगले दिन ISS से जुड़कर उन्होंने वहां लगभग 18 दिन बिताए। इस दौरान उन्होंने 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग किए जिनमें मांसपेशियों की कमजोरी, मानसिक स्वास्थ्य पर अंतरिक्ष के प्रभाव, और अंतरिक्ष में फसल उगाने जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। इन प्रयोगों से मानव जीवन को बेहतर समझने और भविष्य में लंबे अंतरिक्ष अभियानों के लिए मदद मिलेगी।
ग्रेस यान की वापसी की तैयारी
14 जुलाई की शाम 4:45 बजे (भारतीय समयानुसार) ग्रेस यान ने ISS से अलग होकर पृथ्वी की ओर प्रस्थान किया। लौटने के लिए यान ने डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया अपनाई, यानी कक्षा से बाहर निकलने के लिए इंजन जलाए और गति कम की। यह प्रक्रिया आवश्यक थी ताकि यान सही स्थान पर सुरक्षित लैंडिंग कर सके। यान वायुमंडल में 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घुसा। इस दौरान उसकी हीट शील्ड ने तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से बचाया। घर्षण की वजह से यान के आस-पास प्लाज्मा की एक गर्म परत बन गई, जिससे कुछ देर के लिए संचार बाधित हो गया। यह प्रक्रिया हर अंतरिक्ष मिशन की सामान्य और जरूरी कड़ी होती है।
#WATCH | In a historic moment, Group Captain Shubhanshu Shukla and the Axiom-4 crew aboard Dragon spacecraft splashes down in the Pacific Ocean after an 18-day stay aboard the International Space Station (ISS)
— ANI (@ANI) July 15, 2025
(Video Source: Axiom Space/YouTube) pic.twitter.com/qLAq2tyW5S
रोमांचक समुद्र में लैंडिंग
वायुमंडल से बाहर आते ही यान के पैराशूट खुल गए और उसकी गति धीमी हुई। 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे IST, ग्रेस यान प्रशांत महासागर में सुरक्षित रूप से उतर गया। लैंडिंग के दौरान जोरदार सोनिक बूम सुनाई दिया जो इसकी उच्च गति का प्रमाण था। तुरंत रिकवरी टीम नौकाओं और हेलीकॉप्टरों के साथ पहुंची और शुभांशु समेत पूरा Ax-4 दल सुरक्षित निकाला गया। इस दल में कमांडर पैगी व्हिटसन, स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की और टिबोर कपु भी शामिल थे।
लौटते वक्त साथ आए खास सामान
ग्रेस यान करीब 263 किलोग्राम सामान लेकर लौटा। इसमें नासा के हार्डवेयर, वैज्ञानिक प्रयोगों का डेटा और ISS से कुछ कचरा था। शुभांशु ने अपने साथ भारत का तिरंगा भी रखा और अपने बेटे के पसंदीदा खिलौने हंस "जॉय" को भी साथ लाए, जो उनके इस सफर की खास यादगार है।
10 दिन का आइसोलेशन और स्वास्थ्य देखभाल
समुद्र में लैंडिंग के बाद शुभांशु और उनकी टीम को करीब 10 दिन तक पृथकवास में रहना होगा। इस दौरान उनका मेडिकल टेस्ट होगा और उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों से सामंजस्य बनाने का समय मिलेगा। यह कदम अंतरिक्ष यात्रा के बाद स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।