31 साल बाद फिर खुला कश्मीरी पंडितों के कातिल बिट्टा कराटे का केस, अब 16 अप्रैल को होगी कोर्ट में सुनवाई

punjabkesari.in Friday, Apr 01, 2022 - 03:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में कश्मीर पंडित सतीश टिक्कू की हत्या के आरोपी फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे को लेकर श्रीनगर कोर्ट में मामले को फिर से खोल दिया है। कोर्ट ने मामले को सकारात्मक रूप से सुना और कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामले को किसी निष्कर्ष न पहुंचाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट इस मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता पीड़ित सतीश टिक्कू के परिजनों को याचिका की हार्ड कॉपी जमा करने को कहा है। इसके अलावा अदालत ने बिट्टा कराटे के वकील को भी हार्ड कॉपी दाखिल करने को कहा है।

पूरे 31 साल बाद ये सुनवाई हुई
बिट्टा कराटे पर पूरे 31 साल बाद ये सुनवाई की गई। बिट्टा के खिलाफ सतीश टिक्कू के परिवार ने ये हिम्मत दिखाई है और एक्टिविस्ट विकास राणा के जरिए श्रीनगर कोर्ट में याचिका दायर की है।टिक्कू परिवार के वकील एडवोकेट उत्सव बैंस ने अदालत की कार्यवाही के बाद कहा कि अदालत ने गौर से सुना।' उन्होंने कहा, ‘‘31 साल बाद परिवार निचली अदालत में आया है और अब परिवार के लिए उम्मीद की किरण है।'' मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके में 2 फरवरी, 1990 को सतीश टिक्कू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

टिक्कू के परिवार का दावा
टिक्कू के परिवार का दावा है कि बिट्टा ने बीबीसी को दिए एक वीडियो साक्षात्कार में 20 पंडितों को मारने की बात कैमरे पर स्वीकार की थी। बिट्टा जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का पूर्व कमांडर हैं और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान से फंडिंग करने के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। फंडिंग में गिरफ्तारी से पहले, वह पहले नवंबर 1990 और 2006 के बीच कई वर्षों तक जेल में रहा था। बिट्टा 16 साल जेल में रहा और 23 अक्टूबर 2006 को टाडा अदालत से जमानत पर रिहा हो गया। हर बार पूरे सबूत न मिलने की वजह से उसे रिहा कर दिया जाता था।

नाम के आगे क्यों लगा कराटे?
कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स रिलीज होने के बाद बिट्टा कराटे एक बार फिर चर्चा में आ गया। बिट्टा मार्शल अटैक में ट्रैंड था इसलिए उसके नाम के आगे कराटे लगा। साल 2008 में अमरनाथ विवाद के कारण उसे गिरफ्तार किया गया था। अभी कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने संकेत दिए थे कि यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर से केस खुल सकते हैं।  


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Content Editor

rajesh kumar

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