''Mummy, Papa, Forgive Me'' हॉस्टल में रह रही 18 वर्षीय स्टूडेंट अदिति मिश्रा ने किया सुसाइड, पिता को किया आखिरी काॅल

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 08:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अदिति मिश्रा, एक 18 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा, ने बुधवार (12 फरवरी) को आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने माता-पिता के नाम एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था - "सॉरी मम्मी-पापा, मुझे माफ कर देना... मैं यह नहीं कर पाई..."

JEE परीक्षा में फेल होने के बाद उठाया कदम

मंगलवार को जेईई परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए, जिसमें अदिति असफल हो गईं। परीक्षा में फेल होने से निराश होकर, उन्होंने अगले ही दिन फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

कोचिंग और हॉस्टल में रहकर कर रही थीं तैयारी

अदिति, गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के बेतियाहाता स्थित मोमेंटम कोचिंग सेंटर में पिछले दो साल से जेईई की तैयारी कर रही थीं। वह सत्यदीप गर्ल्स हॉस्टल में एक अन्य छात्रा के साथ रहती थीं।

पिता से किया था आखिरी फोन

बुधवार सुबह, आत्महत्या से पहले अदिति ने अपने माता-पिता से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने अपने पिता से मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए भी कहा। परिजनों के मुताबिक, वह बेहद हताश लग रही थीं।

कमरे में फांसी से लटका मिला शव

घटना के समय अदिति की रूममेट बाहर गई हुई थी। जब वह वापस आई और दरवाजा खटखटाया, तो कोई जवाब नहीं मिला। उसने अंदर झांका, तो अदिति को दुपट्टे से फांसी के फंदे पर लटका हुआ देखा। तुरंत उसने हॉस्टल वार्डन को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया।

सुसाइड नोट में लिखा भावुक संदेश

पुलिस को अदिति के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा था: "सॉरी मम्मी-पापा, मुझे माफ कर देना... मैं यह नहीं कर पाई... यह हमारे रिश्ते का अंत था... आप लोग मत रोना... आपने मुझे बहुत प्यार दिया। मैं आपके सपने पूरे नहीं कर पाई... आप लोग छोटी (छोटी बहन) का ख्याल रखना... वह जरूर आपके सपने पूरे करेगी। आपकी प्यारी बेटी - अदिति।"

परिजनों को दी गई सूचना, शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया

अदिति के माता-पिता, जो संत कबीर नगर जिले के मिश्रौलिया गांव के निवासी हैं, को घटना की सूचना दे दी गई है। पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिनव त्यागी ने बताया कि असली कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद चलेगा।

शिक्षा के दबाव में टूटते सपने

अदिति की मौत ने शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के बढ़ते दबाव को फिर उजागर कर दिया है। इस तरह की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि छात्रों को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। 


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Content Writer

Anu Malhotra

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