Chandrayan3: अभिनेता प्रकाश राज की बढ़ी मुश्किलें, चंद्रयान-3 को लेकर विवादित पोस्ट में दर्ज हुआ केस

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 04:46 PM (IST)

नेशनल डेस्कः चंद्रयान-3 को लेकर किए गए विवादित पोस्ट के मामले में अभिनेता प्रकाश राज के खिलाफ कर्नाटक के एक थाने में केस दर्ज कराया गया है। मामला कर्नाटक के बागलकोट थाने में दर्ज कराया गया है। प्रकाश राज ने चंद्रयान3 का मजाक उड़ाते हुए एक पोस्ट किया था। उन्होंने कहा कि हिंदू संगठन के नेताओं ने बागलकोट जिले के बनहट्टी पुलिस स्टेशन में अभिनेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, प्रकाश राज ने रविवार सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स (ट्विटर) पर एक फोटो शेयर की थी। इस फोटो में लुंगी और शर्ट पहना एक कार्टून कैरेक्टर दो जग में चाय को ऊपर-नीचे करता नजर आता है। उन्होंने इस तस्वीर पर कैप्शन में लिखा कि विक्रमलैंडर ने चंद्रमा से पहली तस्वीर भेजी है। उनके इस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करते ही यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।


असन नाम के एक यूजर ने लिखा है, “रियल लाइफ में भी विलेन निकले। निधि गुप्ता ने लिखा है, “मतलब सरकार को कोसते कोसते भारत को कोसने लगे ये कमीने लोग। एक यूजर स्वेता पांडे लिखती हैं, “मोदी विरोध में देश के वैज्ञानिकों का भी विरोध और उपहास उड़ाना शुरू कर दिया.. तुम्हें देशद्रोही कहने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए! नीतू खंडेलवाल नामक यूजर ने लिखा कि चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए है। एक भारतीय होने के नाते आपको यहां की तकनीकी प्रगति पर गर्व होना चाहिए। बता दें कि इससे पहले भी प्रकाश राज इस तरह के आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं।
 

चंद्रयान-3 ने 70 किमी की दूरी से भेजी तस्वीरें
वहीं, चंद्रयान-3 ने मंगलवार को लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रयान-3 मिशन के ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे' (एनपीडीसी) से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार को जारी कीं। इसरो ने बताया कि एलपीडीसी से ली गई तस्वीरें यान पर मौजूद चंद्रमा के संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके इसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं। एलएम के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने की उम्मीद है। इसरो ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा' (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी की थीं।


अहमदाबाद स्थित ‘अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र' (एसएसी) द्वारा विकसित यह कैमरा नीचे उतरते समय ऐसे सुरक्षित ‘लैंडिंग' क्षेत्र का पता लगाने में सहायता करता है, जहां चट्टानें या गहरी खाइयां न हों। एसएसी इसरो का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं। चंद्रयान-2 की असफलता के बाद चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-तीन को चंद्रमा की सतह पर सफलता से उतरने और विचरण करने की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए भेजा गया है।

 


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Content Writer

Yaspal

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