म्यांमार पर भारतीय सेना का एक्शन, जानें Army ने क्यों उठाया ये कदम

punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2017 - 07:03 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय सेना के स्पेशल कमांडो ने आंतकी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के खापलांग गुट NSCN(K) के खिलाफ म्यांमार सीमा पर लांग्खू गांव के पास बुधवार तड़के सुबह सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई को अंजाम दिया। इससे पहले भी हमारे भारतीय जवानों ने साल 2015 म्यांमार में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। हाल में कुछ महीनों से इस आतंकी ग्रुप के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में सक्रीय इस आतंकी ग्रुप का क्या है बेकग्राउंड। क्यों ये भारतीय सैनिकों पर छिप कर वार करते हैं।  
PunjabKesari40 सालों से हिंसा में शामिल, 2015 में बड़ी वारदात
NSCN का गठन  31 जनवरी 1980 में हुआ था। NSCN (आईएम) के इसाक चिशी स्वू और थुइंगलेंग मुइवा जैसे नेताओं से मतभेदों के चलते एसएस खपलांग ने 30 अप्रैल 1988 में अगल होकर अलग गुट NSCN (K) बना लिया था। तभी से सुरक्षा बलों पर हमले, जबरन धन वसूली और लूटपाट जैसी विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त रहा है। मणिपुर में चार जून 2015 को घात लगा कर किए गए हमले में NSCN (K) का हाथ था। इस हमले में सेना के 18 जवान मारे गए थे। इस घटना के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार जा कर म्यांमार के अंदर स्थित NSCN (K) के शिविरों पर हमला किया जिसमें कई उग्रवादी मारे गए थे।
PunjabKesariPOK के आतंकी ट्रेनिंग कैंपों जैसे कैंपों का संचालन
भारतीय सेना के कमांडों ने आंतकी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के खापलांग गुट के खिलाफ कार्रवाई की है। सुरक्षा मामलों से जुड़े लोगों के मुताबिक खापलांग गुट यानी NSCN (K) के आतंकवादी भारतीय जवानों पर हमला करने के बाद सीमा पार करके म्यांमार में चले जाते हैं ताकि भारतीय सैनिक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकें। इसके अलावा म्यामांर की सीमा में इनके वैसे ही ट्रेनिंग कैंप हैं जैसे ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों ने बना रखे हैं।
PunjabKesariअलग देश 'ग्रेटर नागालैंड' की मांग को लेकर विद्रोह
खापलांग का गुट नागालैंड का सबसे खतरनाक अलगाववादी गुट माना जाता है। ये गुट सालों से भारत से अलग होने की मांग पर अड़ा हुआ है। ये गुट भारत से अलग ग्रेटर नागालैंड की बात करता है। इस गुट के ज्यादातर नेता नागालैंड से बाहर रहते हैं और वहीं से वो राज्यभर में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करते रहते हैं। पिछले दिनों भारत सरकार ने नागालैंड में सक्रिय तमाम दूसरे अलगाववादी गुटों से बातचीत शुरू की और उन्हें शांति समझौता में शामिल किया था। दूसरे गुट तो सरकार के साथ समझौता वार्ता में शामिल हो गए लेकिन NSCN (K) ने किसी तरह की शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया।
PunjabKesariइस बार सेना ने की देश की सीमा के अंदर रहकर कार्रवाई       
भारतीय सेना बुधवार सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर सेना ने NSCN ने एक के बाद एक कई आतंकी कैंप तबाह कर दिए। रिपोर्ट के मुताबिक NSCN खापलांग गुट के कई आतंकी भारतीय सेना की इस सर्जिकल स्ट्राइक मे ढेर हो चुके हैं। म्यांमार बॉर्डर के पास NSCN के आतंकियो के होने की खबर से बाद आर्मी ने ऑपरेशन लॉन्च किया। भारत-म्यांमार सीमा पर कोंसा इलाके में आतंकी छिप कर बैठे थे और सेना पर बड़े हमले की साजिश कर रहे थे। जैसे ही इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन शुरू किया, आतंकी म्यांमार की तरफ भागे लेकिन सेना ने उनका पीछा करके उन्हें मार गिराया।
PunjabKesariजानें क्या हुआ था 2015 में, क्यों हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक 
नागा उग्रवादियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में भारतीय सेना पर घात लगाकर हमला किया था और 18 जवानों को शहीद कर दिया था। इस पर भारत में जबरदस्त गुस्सा भड़का। इसके बाद सेना ने ऑपरेशन की रणनीति पर काम शुरू किया। तब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इंटेलिजेंस से मिले इनपुट्स की निगरानी शुरू की। इस हमले की पूरी योजना प्रधानमंत्री की जानकारी में तैयार हुई थी और प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी अनुमति दी थी। बता दें, उस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इस उग्रवादी संगठन की कमर टूट गई थी लेकिन हाल के दिनों इन्होंने फिर सिर उठाना शुरू कर दिया था। 


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