आप नेता सोमनाथ भारती पहुंचे दिल्ली हाईकोर्ट, बांसुरी स्वराज की सांसदी को दी चुनौती

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2024 - 11:47 PM (IST)

नेशनल डेस्कः आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सोमनाथ भारती ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के निर्वाचन को कथित भ्रष्ट आचरण के आधार पर चुनौती देते हुए शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा 22 जुलाई को चुनाव याचिका पर सुनवाई करेंगे। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारी के अनुसार भारती को 3,74,815 वोट मिले जबकि स्वराज को 4,53,185 वोट मिले। वे दोनों नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और स्वराज को विजेता घोषित किया गया था।

याचिका में कहा गया, ‘‘मौजूदा चुनाव याचिका याचिकाकर्ता (भारती) द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 80 और 81 के तहत दायर की जा रही है, जिसमें प्रतिवादी संख्या-1 (स्वराज) के नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचन को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि प्रतिवादी संख्या-1, उनके चुनाव एजेंट और प्रतिवादी की सहमति से अन्य व्यक्तियों ने 25 मई, 2024 को हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ‘भ्रष्ट आचरण' किया है।''

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद, जो इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार थे, वास्तव में उन्हें याचिकाकर्ता के खिलाफ स्वराज की मदद करने के लिए भाजपा द्वारा खड़ा किया गया था। इसमें कहा गया है कि आनंद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री थे और नौ अप्रैल तक भारती के लिए प्रचार में सक्रिय थे और अचानक उन्होंने 10 अप्रैल को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आनंद ने वोटों में कटौती करके स्वराज की मदद करने के लिए बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और बाद में 10 जुलाई को वह भाजपा में शामिल हो गए। याचिका में दावा किया गया, ‘‘चुनाव के दिन यानी पांच मई, 2024 को याचिकाकर्ता, नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के विभिन्न बूथों के अपने दौरे के दौरान यह देखकर हैरान रह गया कि प्रतिवादी नंबर-1 के बूथ एजेंटों के पास उनकी (स्वराज) मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर वाले पर्चे थे और वे इसे मतदाताओं को दिखा रहे थे जोकि निश्चित तौर पर भ्रष्ट आचरण है। इसकी सूचना प्रतिवादी संख्या-3 (निर्वाचन अधिकारी) को भी दी गई, लेकिन यह व्यर्थ रहा।''


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Content Writer

Yaspal

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