सिर्फ 2 महीने पुरानी BYD कार का आया 18 लाख रुपए का बिल, इंश्योरेंस कंपनी ने पल्ला झाड़ा, जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 12:07 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत में इलेक्ट्रिक वाहन धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि इसके कई फायदे हैं, लेकिन रीसेल वैल्यू, बैटरी वारंटी और यहां तक कि बीमा पॉलिसी जैसी चुनौतियाँ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मालिकों के लिए आम हो गई हैं। इसी तरह, BYD सील सेडान के एक मालिक से जुड़ी एक परेशान करने वाली घटना सामने आई है।

नोएडा के एक BYD डीलरशिप से BYD Seal इलेक्ट्रिक सेडान खरीदने वाले ग्राहक आदित्य सोनी एक परेशान करने वाली स्थिति का सामना करना पड़ा जहां सिर्फ दो महीने के भीतर बाढ़ से क्षतिग्रस्त बैटरी के लिए उन्हें 18.35 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। उन्होंने डीलरशिप और ICICI Lombard बीमा एजेंटों से "ज़ीरो डेप्थ" (zero-depth) बीमा के तहत बैटरी को भी कवर करने का आश्वासन प्राप्त किया था और इसके लिए उन्होंने 1.2 लाख रुपये का भुगतान किया। लेकिन मौजूदा पॉलिसी बैटरी को कवर नहीं कर रही थी और निर्माता की वारंटी भी बाढ़ के नुकसान को कवर नहीं करती — जिससे ग्राहक पूरी तरह फंस गया। उन्होंने विपणन प्रतिनिधि के साथ हुई कॉल का ऑडियो रिकॉर्डिंग भी साझा किया है, जिसमें बैटरी कवरेज़ की पुष्टि की गई थी। फिर भी, अब उन्हें बैटरी का पूरा खर्च खुद वहन करना पड़ रहा है।

ग्राहक की समस्या और व्यापक चुनौती

  • मिसलीडिंग आश्वासन: ग्राहक ने स्पष्ट रूप से बैटरी सुरक्षा के बारे में पूछा और "ज़ीरो डेप्थ" पॉलिसी के तहत पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया गया था — चाहे डीलरशिप ने हो या ICICI Lombard ने। लेकिन वास्तविक पॉलिसी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। ग्राहक के पास कॉल रिकॉर्डिंग भी है, जिसमें बैटरी को कवर बताया गया था।

  • वारंटी और बीमा में कमी:

    • निर्माता (BYD India) की वारंटी पानी-जनित क्षति को कवर नहीं करती।

    • ICICI Lombard ने दावा खारिज कर दिया क्योंकि पॉलिसी में बैटरी कवरेज नहीं था।

    • ग्राहक अब वाहन बैटरी का 18.35 लाख रुपये का भारी खर्च खुद वहन कर रहा है।

  • यातायात और वैधानिक विकल्प:

    • ग्राहक उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कर सकता है, जिसमें "मिस‑सेलिंग" या "गलत आश्वासन" के आधार पर वैलिड रिमेडी मिल सकती है।

    • BYD इंडिया या ICICI Lombard के साथ समाधान न होने पर कानूनी/मदद विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।

संदर्भ में EV बीमा और चुनौतियां भारत में

यह केस सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन सुविधाओं, बीमा पॉलिसियों और ग्राहक अपेक्षाओं के बीच विसंगति को उजागर करता है:

  • EV‑विशिष्ट बीमा की आवश्यकता:

    • पारंपरिक “comprehensive” पॉलिसियों में अक्सर बैटरी जैसी महंगी EV कंपोनेंट्स शामिल नहीं होतीं।

    • व्यवसायिक दृष्टिकोण से बैटरी कवरेज को 'सेपरेट एड-ऑन' के रूप में बेचा जाता है — लेकिन कई ग्राहक मिस-अनुमान वश इसे शामिल मान लेते हैं ।

  • पारदर्शिता का अभाव:

    • डीलरशिप और एजेंटों द्वारा ग्राहकों को स्पष्ट जानकारी न देना — विशेष रूप से EV की अनूठी ज़रूरतों को लेकर — ग्राहकों को धोखा जैसा अहसास दिला सकता है।

  • रिस्क प्रबंधन:

    • EV की बैटरी बहुत महत्वपूर्ण और महंगी होती है — इसलिए इसकी कवरेज योजना में पारदर्शिता, स्पष्टता और ग्राहक की जागरुकता सुनिश्चित करना जरूरी है।


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Content Writer

Pardeep

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