'98 फीसदी चंद्रयान-2 रहा सफल': इसरो चीफ बोले, ये शब्द मेरे नहीं थे
punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2019 - 08:58 AM (IST)
नेशनल डेस्कः मिशन चांद पर गए चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम ने हार्ड लैंडिंग की थी जिसके बाद उसका इसरो से संपर्क टूट गया था। लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग के बाद भी कहा गया था कि चंद्रयान-2 करीब '98% सफल रहा। चंद्रयान-2 के 98 फीसदी सफल रहने के दावे को लेकर कई वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए थे। वहीं अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के चीफ डॉ. के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 की '98% सफलता' की घोषणा उन्होंने नहीं बल्कि उस राष्ट्रीय स्तर की कमेटी ने की थी जो पूरे मिशन का रिव्यू कर रही है।
सिवन ने कहा कि 98 फीसदी सफल रहने की बात उनके शब्द नहीं बल्कि यह दावा विक्रम की हार्ड लैंडिंग की जांच कर रही कमिटी ने शुरुआती विश्लेषण के आधार पर किया था। उन्होंने कहा कि मिशन के दौरान सभी माइलस्टोन की सफलता पर विचार करने के बाद यह आंकड़ा दिया गया। इसरो चीफ ने कहा कि लॉन्चर जीएसएलवीएमके3 का लिफ्ट-ऑफ सफल रहा और उसके बाद मॉड्युल का अर्थ-बाउंड मनूवर, ट्रांस-लुनर इंजेक्शन, लुनर-ऑर्बिट इन्सर्शन, लुनर-ऑर्बिट मनुवर और लैंडर-ऑर्बिटर सेपरेशन सब कुछ ठीक था। आखिरी समय तक विक्रम के उतरने की स्थिति भी सही थी। कमिटी इन सभी आंकड़े के साथ आई कि मिशन के ज्यादातर उद्देश्य पूरे कर लिए गए। इसरो चीफ ने यह सारी बातें एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान कहीं।
क्या था पीएम मोदी ने
सिवन ने बताया कि 7 सितंबर की रात जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि विक्रम लैंडर की लैंडिंग में गड़बड़ हो गई है और हमारा उससे संपर्क टूट गया है, तब पीएम मोदी ने कहा था कि आप चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। उसके बद अगली सुबह फिर पीएम मोदी आए और पूरी टीम को संबोधित किया और हमारा हौसला बढ़ाया। सिवन ने बताया कि ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (MOX) से जाते समय जब पीएम मोदी ने उनको गले लगाया तब उन्होंने कुछ नहीं कहा।
यह महत्वपूर्ण मिशन होंगे अगले साल लॉन्च
इसरो चीफ ने कहा कि आगे का सबसे महत्वपूर्ण मिशन आदित्य-एल1. है जिसे अगले साल अप्रैल में लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले कार्टोसैट-3, रीसैट-2बीआर1 और रीसैट-2बीआर2 लॉन्च किए जाएंगे, ये सभी निगरानी और जासूसी उपग्रह हैं। इसके अलावा इस साल दिसंबर के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में स्माल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) लॉन्च किया जाएगा और इन सबके बाद गगनयान दिसंबर 2021 में लॉन्च होगा।
बता दें कि इसरो ने 7 सितंबर को तड़के विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने की कोशिश की थी, लेकिन यह लैंडिंग के कुछ समय पहले ही इसका संपर्क टूट गया।