भारतीय दूतावास का रेस्क्यू सफलः ताजिकिस्तान में फंसे 7 पंजाबी नौजवान लौटे वापस, शेखों के जुल्मों की सुनाई दास्तां
punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 04:00 PM (IST)
International Desk: रूपनगर (पंजाब) के सात युवकों को, जो इससितमई 2025 में ताजिकिस्तान के डुशांबे के समीप रोगुन शहर में फंसे थे, सोमवार को भारत वापस लाया गया। राज्यसभा सांसद विक्रमजित सिंह साहनी (Vikramjit Singh Sahney) ने इसकी पुष्टि की है। युवकों ने बताया कि पंजाब के एक एजेंट ने उन्हें ताजिकिस्तान ड्राइवर की नौकरी का वादा करके भेजा था, लेकिन जैसे-तैसे वहां पहुँचने पर उन्हें ड्राइवर नहीं बनने दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें मज़दूरी की नौकरी, खराब वर्किंग कंडीशन और शोषण का सामना करना पड़ा।
7 young sons of Punjab, who were stranded in Tajikistan with shattered hopes, finally returned home today.
My office stayed in constant touch with them & the Indian Embassy to ensure their safe return. My parliamentary team received them at Delhi Airport.
We will also be… pic.twitter.com/MA0QA0lr8M
— Vikramjit Singh MP (@vikramsahney) October 27, 2025
उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें बताया गया कि उन्हें कार्यक्रम, आवास और वेतन नहीं दिया गया, और ठंडी, भूख और डर का सामना करना पड़ा। युवकों ने दावा किया कि जिस वर्कशाप या कंपनी में काम करना था, वह बहुत पुरानी और टूटी-फूटी वाहनों से भरी हुई थी। सोमवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लौटने के बाद वो पंजाब के अपने-अपने गृह स्थान रवाना हुए।
सांसद विक्रमजित सिंह साहनी ने कहा कि उन्होंने भारतीय दूतावास ताजिकिस्तान में मामला उठाया, युवकों का स्थान साझा किया, और उनके वतन लौटने की व्यवस्था में व्यक्तिगत रूप से सहायता की। पंजाब में राजनीतिक दलों ने इस मामला को लेकर एजेंटों और मानव तस्करी-प्रेरित रोजगार योजनाओं पर कार्रवाई की मांग की है। युवकों ने आरोप लगाया है कि एजेंटों ने उन्हें झूठे काम के वादे देकर विदेश भेजा और वहां जहाँ ड्राइवर बनना था वहाँ मजदूर बना दिया गया। सांसद साहनी ने कहा है कि इन युवकों को पंजाब में कौशल-प्रशिक्षण और रोजगार मुहैया कराया जाएगा और उन एजेंटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
