ट्रेन में बैठी 56 लड़कियों के हाथों पर लगी थी एक जैसी मुहर, रहस्य का पता चलते ही पुलिस के भी उड़ गए होश
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 06:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मानव तस्करी की आशंका के तहत 56 लड़कियों को बचा लिया। सभी लड़कियों की उम्र 18 से 31 साल के बीच बताई जा रही है। ये युवतियां जलपाईगुड़ी, कूच बिहार और अलीपुरद्वार जिलों की रहने वाली हैं। ये सभी लड़कियां न्यू जलपाईगुड़ी-पटना कैपिटल एक्सप्रेस के एक कोच में सवार थीं, लेकिन हैरान करने वाली बात यह थी कि किसी के पास भी वैध टिकट नहीं था। RPF को शक होने के बाद मामले की जांच की तो ट्रेन में बैठे यात्रियों समेत पुलिस भी दंग रह गई। इस मामले में एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
RPF के जवानों ने जब ट्रेन में एक ही कोच में बड़ी संख्या में युवतियों को एक साथ यात्रा करते देखा, तो उन्हें शक हुआ। जांच के दौरान पता चला कि कोई भी लड़की टिकट लेकर यात्रा नहीं कर रही थी, बल्कि सभी के हाथों पर कोच और सीट नंबर की मुहरें लगी हुई थीं, जो एक असामान्य बात थी।
नौकरी दिलाने का झांसा देकर ले जाया जा रहा था
RPF ने ट्रेन में मौजूद एक महिला और एक पुरुष से पूछताछ की, जो इन लड़कियों को लेकर जा रहे थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि लड़कियों को बेंगलुरु में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था। लेकिन जब पुलिस ने पूछा कि फिर उन्हें बिहार क्यों ले जाया जा रहा है, तो वे कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। दोनों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे थे।
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी
पुलिस ने दोनों संदिग्धों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि उनके पास लड़कियों को ले जाने से जुड़ा कोई वैध दस्तावेज नहीं था। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा हो सकता है।
सभी लड़कियां सकुशल परिजनों को सौंपी गईं
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मानव तस्करी के एंगल से जांच शुरू कर दी है। फिलहाल सभी 56 लड़कियों को सुरक्षित उनके परिवारों को सौंप दिया गया है।
रेलवे और पुलिस की सजगता से बड़ी अनहोनी टली
इस पूरे मामले में RPF की तत्परता और सतर्कता की जमकर सराहना की जा रही है। उनकी सूझबूझ से 56 मासूम लड़कियों को तस्करी का शिकार बनने से बचा लिया गया। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के पीछे और कौन-कौन शामिल हैं। यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि मानव तस्करी जैसी गंभीर अपराध आज भी समाज में मौजूद हैं और इससे निपटने के लिए सजगता और सख्ती बेहद जरूरी है।