भारी बारिश के कारण मकान ढहने से 5 लोगों की मौत, 1,337 सड़कें बंद

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 01:47 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से मकान ढहने की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई और चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 1,337 सड़कें अवरुद्ध हो गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्थानीय मौसम विभाग ने बुधवार को कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है, जबकि ऊना और बिलासपुर जिलों में भारी बारिश का ‘येलो' अलर्ट जारी किया गया है।

सोलन जिले के समलोह गांव में सोमवार देर रात भारी बारिश के बाद ढहे एक मकान के मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई। मृतक की पहचान हेमलता के रूप में हुई है। उनके पति हीम राम, चार बच्चे और 85 वर्षीय दिव्यांग सास को मामूली चोटें आईं। एक अन्य घटना में, कुल्लू के ढालपुर में बारिश के बाद एक मकान ढहने से मलबे से एक पुरुष और एक महिला को बचाया गया। पुलिस ने बताया कि बाद में महिला की मौत हो गई। मृतकों के बारे में विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।

इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया गया है और उन्होंने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)से केंद्र से विशेष राहत पैकेज प्राप्त करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को सरकार द्वारा आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया गया है और जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें सात लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी और यदि घर के अंदर का सामान नष्ट हो गया है तो अतिरिक्त 70,000 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे। राजधानी शिमला में कोचिंग सेंटर और नर्सिंग संस्थानों समेत सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बुधवार को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने मंगलवार शाम जारी एक आदेश में कहा कि शिमला में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पूर्वानुमान में जिले के कई स्थानों पर भूस्खलन की प्रबल संभावना जताई है।

आदेश के मुताबिक, ‘‘शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मियों को शैक्षणिक संस्थानों में आने से छूट दी गई है और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी।'' मनालसू नाले में जलस्तर बढ़ जाने के कारण मनलाई के लगभग नौ गांवों का संपर्क टूट गया। मंडी शहर में पड्डल गुरुद्वारा क्षेत्र के पीछे सोमवार रात भूस्खलन होने से दो घर क्षतिग्रस्त हो गए हालांकि समय रहते लोगों को सुरक्षित निकाल लिये जाने के कारण किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि दो प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है जबकि आस-पास के घरों में रहने वाले लोग अपने घर खाली कर चुके हैं। कुल्लू जिले के अन्नी इलाके में भूस्खलन के बाद एक निर्माणाधीन घर क्षतिग्रस्त हो गया। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है क्योंकि घर को 2023 की मानसून आपदा के दौरान पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था और वह खाली था। बिलासपुर जिले में नैना देवी इलाके के डडवाल गांव में दरारें पड़ने के बाद 16 परिवारों को अपने घर खाली करने को कहा गया।

हिमाचल प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद के लिए चयनित उम्मीदवारों का दस्तावेज सत्यापन भारी बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध होने के कारण स्थगित कर दिया गया है। यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि चार से नौ सितंबर तक होने वाला सत्यापन अभियान अब 24 से 29 सितंबर तक चलेगा। राज्य के मंडी में 282 सड़कें, शिमला में 255, चंबा में 239, कुल्लू में 205 और सिरमौर जिले में 140 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 3 (मंडी-धरमपुर रोड), एनएच 305 (औट-सैंज), एनएच 5 (ओल्ड हिंदुस्तान-तिब्बत रोड), एनएच 21 (चंडीगढ़-मनाली रोड), एनएच 505 (खाब से ग्रामफू रोड) और एनएच 707 (हाटकोटी से पोंटा) अवरुद्ध हो गए हैं।

शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग 5 सोलन जिले के सनवारा में भूस्खलन के बाद अवरुद्ध हो गया। फलस्वरुप यात्रियों को बहुत परेशानी हो रही है। यह राजमार्ग हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग के नाम से भी जाना जाता है। आंतरिक क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां सड़कें कई दिनों से अवरुद्ध हैं। सेब उत्पादक अपनी फसल को बाजारों तक भेजने में असमर्थ हैं। अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के बाद रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। यहां ट्रेन सेवा पांच सितंबर तक स्थगित रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि चंबा जिले में फंसे लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्रियों को वापस घर भेजने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।

नैना देवी में सोमवार शाम से 198.2 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई। मनाली में 89 मिमी, रोहड़ू में 80 मिमी, मंडी में 78.2 मिमी, धर्मशाला में 76.3 मिमी, कुकुमसेरी में 74.2 मिमी, चंबा में 72 मिमी, भुंतर में 69.7 मिमी, जोत में 61.2 मिमी, नाहन में 59.7 मिमी, बग्गी में 58.5 मिमी, केलांग और ऊना में 57-57 मिमी, नादौन में 53 मिमी और ओलिंडा में 50 मिमी बारिश हुई। एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, मानसून शुरू होने के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 340 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 41 लोग लापता हैं। एसईओसी ने बताया कि सोमवार को राज्य भर में 2180 बिजली ट्रांसफार्मर और 777जलापूर्ति योजनाएं बाधित रहीं। हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के दस्तक देने के बाद से राज्य में 95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और भीषण भूस्खलन की 115 घटनाएं हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में अब तक राज्य को 3,158 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 


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News Editor

Parveen Kumar

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