श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी में 5 मछुआरे घायल, भारत ने दूत को तलब किया
punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2025 - 04:08 PM (IST)
नई दिल्ली: मंगलवार सुबह डेल्फ़्ट द्वीप के नज़दीक श्रीलंकाई नौसेना द्वारा की गई गोलीबारी में पांच भारतीय मछुआरे घायल हो गए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नई दिल्ली में द्वीप राष्ट्र के कार्यवाहक उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय (एमईए) में तलब किया गया और शीर्ष राजनयिक के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। अपनी प्रतिक्रिया में भारत ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बल प्रयोग "स्वीकार्य" नहीं है।
इसमें कहा गया है, "आज सुबह डेल्फ़्ट द्वीप के नज़दीक 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गोलीबारी की घटना की सूचना मिली है।" इसमें कहा गया है, "मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार 13 मछुआरों में से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और वर्तमान में जाफ़ना टीचिंग अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।" इसमें कहा गया है कि तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं हैं और उनका इलाज किया जा रहा है।
The Sri Lankan Acting High Commissioner in New Delhi was called in this morning to the Ministry of External Affairs and a strong protest was lodged over the incident. Our High Commission in Colombo has also raised the matter with the Ministry of Foreign Affairs of the Sri Lankan…
— ANI (@ANI) January 28, 2025
'दूतावास ने घायलों का हालचाल जाना'
जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना तथा मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की। विदेश मंत्रालय ने कहा, "नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।" कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है।
India lodges strong protest on an incident involving firing by the Sri Lankan Navy during the apprehension of Indian fishermen: MEA pic.twitter.com/NdLz1wEbLN
— ANI (@ANI) January 28, 2025
बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं- विदेश मंत्रालय
भारतीय रीडआउट में कहा गया है, "भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से संबंधित मुद्दों को मानवीय और मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसमें आजीविका संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है।" विदेश मंत्रालय ने कहा, "किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा समझ का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।"