ऑफ द रिकॉर्डः कांग्रेस से समझौते के लिए गहलोत को हटाने सहित पायलट की 4 शर्तें

punjabkesari.in Thursday, Jul 16, 2020 - 04:40 AM (IST)

नई दिल्लीः अब यह स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट के साथ 19 विधायकों का समर्थन है। इस समय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान की चिंता बढ़ गई है। वह लगातार सचिन पायलट से संपर्क बनाए हुए है तथा राजस्थान में अपनी सरकार बचाए रखने के लिए उनसे कोई न कोई समझौता करना चाहती है, ताकि पार्टी का चेहरा बच जाए। राजस्थान कांग्रेस की जीवनरेखा है तथा दिल्ली से इसकी सीमा सांझी है। 
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भारी बहुमत होने के बावजूद गहलोत सरकार का गिरना कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पाएगी। अगर गहलोत और पायलट के विधायकों को जोड़ दें तो 200 विधायकों के सदन में कांग्रेस के पास 125 विधायक हो जाते हैं। यदि बिचौलियों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान कोई न कोई बीच का रास्ता निकालने में जुटी हुई है। 
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हाईकमान चाहती है कि राजस्थान में पार्टी की सरकार हर हाल में बचाई जाए तथा इसके लिए चाहे कोई भी कड़ा कदम उठाना पड़े तो उठाने में गुरेज न किया जाए। पायलट ने राहुल गांधी को बता दिया है कि 2018 में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उन्होंने वायदा किया था कि वह पायलट को 6 महीने के अंदर मुख्यमंत्री बनाएंगे। पायलट कह रहे हैं कि अब कांग्रेस को अपने अध्यक्ष के वायदे का मान रखकर उसे पूरा करना चाहिए। 
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पायलट गुट ने समझौते का नया फार्मूला पेश किया है जिसके अनुसार अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और पार्टी के काम करने के लिए ए.आई.सी.सी. में जाएं। दूसरा, अविनाश पांडे को राजस्थान के महासचिव प्रभारी पद से तुरंत हटाया जाए क्योंकि उन्होंने गहलोत के हाथों में खेलते हुए पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाई है। तीसरा, पायलट अगले छह महीनों के लिए मुख्यमंत्री पद से दूर रह सकते हैं। इस बीच किसी अन्य व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया जाए। चौथा, छह महीने की अवधि के बाद पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए। 


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Pardeep

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