Bihar Voter List से ''गायब'' हुए 47 लाख मतदाता! BJP-कांग्रेस में छिड़ी ज़ोरदार जंग
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 11:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बिहार में SIR के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। करीब 47 लाख मतदाताओं के नाम हटने पर कांग्रेस सवाल उठा रही है, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को लेकर तीखी आलोचना की है।
अमित मालवीय ने कांग्रेस पर उठाए सवाल-
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मालवीय ने X (ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि निर्वाचन आयोग की SIR प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस ने नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को 'वोट चोरी' का झूठा नैरेटिव बताया और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया। उन्होंने इसे 'जॉर्ज सोरोस की किताब से निकली रणनीति' बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस की हार छिपाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों का भरोसा तोड़ने की साज़िश है।
कांग्रेस ने EC की निष्पक्षता पर उठाए सवाल-
इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने पर कांग्रेस नेताओं ने सीधे निर्वाचन आयोग (EC) की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने X पर लिखा, "बिहार की अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 47 लाख मतदाता कौन हैं?" उन्होंने EC से स्पष्टीकरण मांगा कि इनमें से कितने लोग अन्य राज्यों में चले गए, कितने मृत हैं और कितने फर्जी मतदाता थे। तिवारी ने ज़ोर देकर कहा कि EC को अपनी 'खोई विश्वसनीयता' वापस पाने के लिए यह पारदर्शिता दिखानी ही होगी।
बिहार कांग्रेस प्रमुख SIR प्रक्रिया को बताया 'धोखा'-
बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने SIR प्रक्रिया को 'धोखा' बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जनता या दलों द्वारा नहीं मांगी गई थी और इसे लापरवाही से किया गया है। उन्होंने इसकी निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए कहा कि कार्यकर्ता हटे और जुड़े नामों की पूरे राज्य में जाँच करेंगे।
निर्वाचन आयोग के आंकड़े-
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर सभी हितधारकों का आभार जताया। अंतिम सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जबकि 24 जून को यह संख्या 7.89 करोड़ थी। इस तरह करीब 47 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। निर्वाचन आयोग पहले ही राहुल गांधी के अनियमितताओं से जुड़े आरोपों को पूरी तरह खारिज कर चुका है।