Radha Ashtami 2025: वृषभानु की लाडली श्री राधा रानी के 28 दिव्य नाम जिन्हें सुनकर भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं श्रीकृष्ण
punjabkesari.in Sunday, Aug 31, 2025 - 03:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क : इस साल 31 अगस्त को यानि आज के दिन देशभर में राधा अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता है कि इसी दिन वृषभानु की पुत्री और श्रीकृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्म हुआ था। यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यदि राधा जी की पूजा न की जाए तो श्रीकृष्ण भी भक्त की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
राधा रानी के दिव्य नाम
राधा जी के कई नाम प्रचलित हैं, जिनमें से 28 नाम विशेष रूप से दिव्य माने जाते हैं। भक्त यह मानते हैं कि यदि पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से 'राधा' नाम का उच्चारण किया जाए तो भगवान श्रीकृष्ण स्वयं भक्त पर कृपा बरसाते हैं।
राधा रानी के 28 दिव्य नाम जिन्हें सुनकर भक्तों पर असीम कृपा बरसाते है श्रीकृष्ण
- राधा
- रम्या
- रासेश्वरी
- कृष्ण मत्राधिदेवता
- सर्वाद्या
- वृन्दावन विहारिणी
- सर्ववन्द्या
- वृन्दा राधा
- रमा
- सत्या
- सत्यपरा
- सत्यभामा
- श्री कृष्ण वल्लभा
- अशेष गोपी मण्डल पूजिता
- वृष भानु सुता
- मूल प्रकृति
- ईश्वरी
- गान्धर्वा
- राधिका
- गोपी
- रम्या
- रुक्मिणी
- परमेश्वरी
- पूर्णा
- पूर्णचन्द्रविमानना
- परात्परतरा
- भुक्ति- मुक्तिप्रदा
- भवव्याधि-विनाशिनी
श्रीकृष्ण से पहले क्यों लिया जाता है राधा रानी का नाम?
राधा जी को श्रीकृष्ण की आत्मा और शक्ति माना गया है। यही कारण है कि 'राधे कृष्ण' नाम जपने की परंपरा है, यानी श्रीकृष्ण से पहले राधा का नाम लेना अनिवार्य है।
धार्मिक कथाओं के अनुसार, व्यास मुनि के पुत्र शुकदेव जी तोते का रूप धारण कर राधा जी के महल में रहते थे और हमेशा 'राधा-राधा' नाम जपते थे। एक बार राधा जी ने उन्हें केवल 'कृष्ण-कृष्ण' नाम जपने को कहा। इसके बाद शुकदेव जी और अन्य तोते लगातार 'कृष्ण-कृष्ण' नाम जपने लगे। धीरे-धीरे पूरा नगर कृष्णमय हो गया और किसी की जुबान पर 'राधा' नाम नहीं रहा। जब श्रीकृष्ण ने यह देखा तो वे उदास हो गए। उन्होंने नारद जी से कहा कि उन्हें 'राधा' नाम सुनकर सबसे अधिक प्रसन्नता मिलती है, लेकिन अब कोई यह नाम नहीं लेता। कृष्ण के वचन सुनकर राधा जी की आंखें नम हो गईं। उन्होंने शुकदेव जी को आदेश दिया कि अब वे फिर से 'राधा-राधा' जपें। तभी से परंपरा बनी कि कान्हा का नाम लेने से पहले राधा का नाम लिया जाता है।