24 Carat pure Gold: सोने की शुद्धता सिर्फ 14, 18, 22 और 24 कैरेट में ही क्यों? जानें इसके पीछे का असली रहस्य
punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 04:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब हम सोना खरीदने जाते हैं तो अक्सर 18, 22 या 24 कैरेट जैसे शब्द सुनते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सोने की शुद्धता को इन्हीं मानकों में क्यों मापा जाता है, 19, 21 या 25 कैरेट में क्यों नहीं? आइए जानते हैं इसके पीछे का वैज्ञानिक और कानूनी कारण क्या हैं-
क्या है सोने का कैरेट?
कैरेट सोने की शुद्धता मापने की एक इकाई है।
- 24 कैरेट सोना: यह 100% शुद्ध होता है, जिसमें कोई अन्य धातु नहीं मिलाई जाती। यह बहुत नरम होता है, इसलिए इससे गहने नहीं बनाए जा सकते। इसे आमतौर पर सोने के सिक्कों या बार में इस्तेमाल किया जाता है।
- 22 कैरेट सोना: इसमें 22 हिस्से शुद्ध सोना और 2 हिस्से अन्य धातुएं (जैसे तांबा, चांदी, या जस्ता) होती हैं। इसका मतलब है कि यह 91.67% शुद्ध होता है। इस कैरेट का सोना गहने बनाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि यह 24 कैरेट की तुलना में ज्यादा मजबूत होता है।
- 18 कैरेट सोना: इसमें 18 हिस्से शुद्ध सोना और 6 हिस्से अन्य धातुएं होती हैं। यह 75% शुद्ध होता है। 18 कैरेट सोना 22 कैरेट से भी ज्यादा मजबूत होता है, इसलिए इसका उपयोग फैशनेबल और जटिल डिज़ाइन वाले गहनों के लिए किया जाता है।
क्यों सिर्फ 18, 22 या 24 कैरेट?
इसका मुख्य कारण भारत में मौजूद कानूनी मानक हैं। भारत में BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) ने सोने की शुद्धता के लिए कुछ निश्चित मानक तय किए हैं। BIS केवल 14, 18, 22 और 24 कैरेट सोने को मान्यता देता है। इसीलिए सोने के गहने इन्हीं कैरेट मानकों के अनुसार बनाए जाते हैं। इससे ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी मिलती है। इन गहनों पर हॉलमार्किंग की जाती है, जो BIS द्वारा जारी एक गुणवत्ता प्रमाण पत्र है। यह प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करता है कि गहने में सोने की मात्रा निर्धारित मानक के अनुसार ही है।