मार्केट में 2 हजार के नोट के बदले मिल रहे 16 सौ रुपए... आयकर विभाग की गुप्त जांच में कई खुलासे
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 02:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के नेपाल से सटे सीमावर्ती इलाकों में पुराने 2000 रुपये के नोट बदलने का एक संगठित रैकेट सक्रिय है, जो प्रशासन और सिस्टम की आंखों में धूल झोंककर यह गोरखधंधा चला रहा है। आयकर विभाग की लखनऊ इन्वेस्टिगेशन विंग की एक गोपनीय कार्रवाई में यह खुलासा हुआ है कि इन नोटों को 1200 से 1600 रुपये की दर से बदला जा रहा है, जिससे भारी काले धन की हेराफेरी की आशंका है।
कार्रवाई की शुरुआत: नेपाल बॉर्डर पर गुप्त ऑपरेशन
फरवरी 2025 में आयकर विभाग ने नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में एक गुप्त ऑपरेशन चलाया। बहराइच (रुपईडीहा बॉर्डर), बलरामपुर (बढ़नी बॉर्डर) समेत कई ज़िलों में छापेमारी कर इस पूरे नेटवर्क के ठोस साक्ष्य जुटाए गए। इस कार्रवाई को अत्यंत गोपनीय रखा गया, और पुलिस तक को इसकी भनक नहीं लगने दी गई।
सूत्रों के अनुसार, कुछ निजी व्यक्तियों को नकद नोट देकर नेपाल भेजा गया, जहां उन नोटों को आसानी से बदला गया। इसके जरिए अधिकारियों ने नोट बदलने की प्रक्रिया, दर, नेटवर्क और इस्तेमाल हो रहे फर्जी दस्तावेज़ों की पड़ताल की।
किन जिलों में फैला है नेटवर्क?
उत्तर प्रदेश के सात ज़िले....
महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत — नेपाल सीमा से लगते हैं। इन्हीं ज़िलों में यह गोरखधंधा सबसे ज्यादा सक्रिय है। खासकर रुपईडीहा और बढ़नी बॉर्डर से होकर भारी मात्रा में नकदी नेपाल पहुंचाई जा रही है, जिसे वहां बदला जाता है और फिर उसका उपयोग संदिग्ध गतिविधियों में किया जा रहा है।
बेरोजगार युवाओं का हो रहा है इस्तेमाल
इस रैकेट में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को कमीशन पर लगाया गया है। इन्हें प्रति ट्रांजेक्शन कुछ प्रतिशत के हिसाब से पैसे मिलते हैं। वे सीमापार जाकर पुराने नोट बदलकर वापस लाते हैं या सीमा पर ही सौदा तय कर लेते हैं।
फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल?
चूंकि 2000 रुपये के नोट को सीधे RBI या डाकघरों में ही बदला जा सकता है, और वह भी सीमित मात्रा (30,000 रुपये तक) में, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस नेटवर्क ने फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर एक ही व्यक्ति के नाम पर बार-बार नोट बदलवाए हैं। अब विभाग नेपाल स्थित डाकघरों और बैंकों की भी जांच कर रहा है कि किन-किन लोगों ने नोट बदले और उनके दस्तावेज कितने वैध थे।
डिजिटल ट्रांजेक्शन की भी जांच
इस ऑपरेशन के दौरान विभाग को यह भी पता चला कि सीमावर्ती क्षेत्रों में UPI के माध्यम से हजारों संदिग्ध ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। इन पैसों का इस्तेमाल अवैध धार्मिक गतिविधियों जैसे मस्जिद, मदरसा, मजार निर्माण और कथित धर्मांतरण जैसे मामलों में किया जा रहा है। प्राथमिक जांच में इस पूरे नेटवर्क के तार तमिलनाडु की एक संस्था से जुड़े पाए गए हैं। जांच एजेंसियाँ अब इस संस्था की भूमिका और आर्थिक स्रोतों की भी गहराई से पड़ताल कर रही हैं।