फर्जी नाम, दूसरी शादी... 1996 के बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड, अब 29 साल बाद ऐसे पकड़ा गया

punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 29 साल तक पुलिस की पहुंच से दूर रहने वाला एक ऐसा शख्स जिसने अपनी जिंदगी ही बदल ली — फर्जी नाम लेकर नई पहचान बनाई, दूसरी शादी की, और सब्जी बेचते हुए सामान्य इंसान बनने की कोशिश की। लेकिन 1996 में कोयंबटूर में हुए भयानक बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड आखिरकार अब कानून के हाथों गिर गया है। वह कर्नाटक के विजयपुरा में फर्जी पहचान लेकर सब्जी बेचते हुए रह रहा था। उसने न केवल अपना नाम बदला बल्कि दूसरी पहचान से शादी भी कर ली और आम जिंदगी जीने लगा। लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक ऐसी गोपनीय रणनीति बनाई, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। जानिए कैसे पुलिस ने अपनी सूझबूझ और रणनीति से इस बदमाश को धर दबोचा और पुरानी बातें फिर से उजागर हुईं।

कौन है यह आरोपी?

गिरफ्तार किया गया आरोपी सादिक राजा मूल रूप से कर्नाटक के चामराजनगर जिले के गुंडलुपेट का रहने वाला है। 1996 में कोयंबटूर में पेट्रोल बम ब्लास्ट के बाद से वह फरार था। इसके बाद वह बेंगलुरु, हुबली और अंत में विजयपुरा में जाकर बस गया। पिछले 12 वर्षों से वह एक फर्जी नाम के सहारे विजयपुरा में सब्जी विक्रेता बनकर रह रहा था। सादिक ने खुद को छिपाने के लिए न सिर्फ नाम बदला, बल्कि फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करते हुए एक नई ज़िंदगी शुरू की। उसने हुबली की एक महिला से शादी की और खुद को आम नागरिक की तरह पेश किया। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वह ‘राजा’, ‘दर्जी राजा’, ‘वलारंथा राजा’, ‘शाहजहां अब्दुल मजीद मकानदार’ और ‘शाहजहां शेख’ जैसे नामों से पहचाना जाता रहा।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोयंबटूर सिटी पुलिस की स्पेशल टीम और आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने एक गोपनीय ऑपरेशन के तहत यह गिरफ्तारी की। इस अभियान की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय विजयपुरा पुलिस को भी सूचना नहीं दी गई थी। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने छापेमारी कर सादिक को दबोच लिया और अब उसे आगे की जांच के लिए तमिलनाडु ले जाया गया है।

सिर्फ कोयंबटूर नहीं, कई गंभीर मामलों में आरोपी

सादिक केवल कोयंबटूर बम ब्लास्ट तक सीमित नहीं है। वह और भी गंभीर घटनाओं में आरोपी है। इनमें शामिल हैं:

  • 1996 कोयंबटूर पेट्रोल बम हमला

  • 1996 नागोर सईथा हत्याकांड

  • 1997 मदुरै में जेलर जयप्रकाश की हत्या

इन मामलों में उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस को शक है कि वह आतंकी नेटवर्क से भी जुड़ा हो सकता है।

29 साल बाद कैसे टूटा साइलेंस?

तीन दशकों से फरार सादिक आखिर पुलिस के हत्थे कैसे चढ़ा? दरअसल, कुछ समय पहले सुरक्षा एजेंसियों को नागोर, मदुरै और कोयंबटूर के पुराने मामलों को फिर से खंगालने के आदेश मिले थे। उसी दौरान एक पुरानी तस्वीर और कॉल डिटेल्स की मदद से पुलिस को संदेह हुआ कि वह विजयपुरा में छिपा हो सकता है। कई महीने की निगरानी, गुप्त पूछताछ और डिजिटल ट्रेसिंग के बाद आखिरकार पुलिस ने उसे पकड़ लिया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News