CAA बवाल: हिंसा की आंधी में बुझ गए 18 घरों के चिराग, उनका कसूर क्या था?

punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2020 - 11:14 AM (IST)

पूर्वी दिल्ली (नवोदय टाइम्स): उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए के विरोध में 72 घंटे से ज्यादा हिंसक प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन में अब तक करीब 100 से अधिक घरों में आगजनी हुई है,वहीं अब 12 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। पुलिस जहां हिंसक प्रदर्शन का काबू करने में लगी है वहीं उपद्रवी शांत होने का नाम नहीं ले रहे है, लेकिन 18 लोगों का क्या कसूर था, जो इस दंगे की भेट चढ़ गए। हालांकि मृतकों की संख्या का आंकड़ा बढ़ भी सकता है, लेकिन जिन घरों के चिराग बुझे हैं, अब उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, दंगे के चलते आलम ये है कि इनके घरों में सामान टूट पड़ा है, लाश घर में है उसके बावजूद वे बेबस हैं। 

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शहीद रतनलाल ने कुछ देर पहले ही पत्नी को किया था फोन
रतनलाल की पत्नी को जैसे ही पता चला कि उनकी मांग का सिंदूर उजड़ गया है, वह गश खाकर बेहोश हो गईं। स्वजन रतन लाल के घायल होने और उपचार चलने की झूठी तसल्ली देकर ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे थे। उत्तर-पूर्वी जिले में सोमवार को हुई हिंसा में शहीद दिल्ली पुलिस के हवलदार रतनलाल की गोली लगने से मौत हो गई। उन्होंने घटना से कुछ देर पहले अपनी पत्नी का हालचाल जानने व बताने के लिए फोन किया था। उसके कुछ देर बाद पत्नी को टीवी से पता लगा था कि रतनलाल के साथ अनहोनी हो गई है। पूनम तभी से रतन लाल के फोन पर काल कर रही थीं। फोन किसी ने नहीं उठाया। कुछ देर में पता चल गया कि रतनलाल शहीद हो गए हैं। यह खबर सुनकर पूनम बेहोश हो गई थीं। रतनलाल (42) परिवार में कमाने वाले इकलौते थे। वे पत्नी और तीन बच्चों के साथ बुराड़ी में रहते थे।

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जिस बेटे को सेहरा पहनाना था उसे देनी पड़ी मुखाग्नि
सीएए और एनआरसी के समर्थन और विरोध को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों शुरू हुई हिंसा में सोमवार को मरने वाले जेई राहुल सोलंकी (28)की शादी की बातचीत चल रही थी। सभी बातें लगभग तय हो चुकी थी बस रिश्ता पक्का करना बाकी था। वहीं 29 अप्रैल को राहुल की बहन की शादी होनी तय है। घटना के समय राहुल बच्चों के लिए कुछ सामान लाने के लिए घर के बाहर गया था। कुछ देर में ही परिजनों को राहुल को गोली मारने की सूचना मिली। परिजन मौके पर पहुंचे तो देख की राहुल खून से लथपथ पड़ा था। यह देखते ही पिता हरीसिंह के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। वह वहीं रोने लगे राहुल को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया राहुल की गर्दन में गोली लगी थी। राहुल का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का रहने वाला है। करीब 30 साल से इनका परिवार शिव विहार पुलिया के पास स्थित बाबू नगर में रहता है। पोस्टमार्ट में गृह पर मौजूद राहुल के पिता हरी सिंह सोलंकी ने बताया कि उनके चार बच्चों दो बेटे और दो बेटियों में राहुल दूसरे नंबर का था। उसने सिविल इंजीनियरिंग कर रखी थी। 

 

बेहोश होकर गिर गई शाहिद की पत्नी, 3 माह की है गर्भवती
हिंसा में गोली लगने से शाहिद की मौत की सूचना मिलते ही महज 3 माह की गर्भवती उनकी पत्नी कलिया (20) की आखों के सामने अंधेरा छा गया वह बेहोश हो कर गिर गई, घर में कोहराम मच गया। भाई इमरान की पत्नी ने किसी तरह उसे संभालने की कोशिश की लेकिन वह बार-बार बेहोश हो रही है। शाहिद व कलिया की शादी 12 सितम्बर 2019 को हुई थी। कलिया की बड़ी बहन की शादी भी शाहिद के भाई इरफान से हुई है। शाहिद की मां नूरू निशा गांव में रहती हैं व दिल की मरीज हैं। उन्हें अभी तक भी शाहिद की मौत की सूचना नहीं दी गई है।

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फुरकान की 4 साल की बेटी पूछ रही... तुम क्यों रो रही हो मां 
फुरकान की बेटी वानिया(4) व बेटा मूसा (ढाई साल ) है। बेटी को अभी तक कुछ समझ नहीं आ रहा है कि पापा को क्या हुआ है। बेटी वानिया बार बार मां से पूछ रही है कि अम्मी पापा को क्या हुआ है। आप क्यों रो रही हो। मां खुद को संभाले या बच़्ची को उसे समझ नहीं आ रहा है कि बच्ची को क्या बताए। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई ङ्क्षहसा में फुरकान की गोली लगने से मौत हो गई। भाई इरफान ने बताया कि मैने फुरकान को कहा था आज माहौल बहुत खराब है घर से बाहर नहीं जाना, लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी। और घर से बाहर चला गया। काश वह मान जाता तो जान बच जाती। फुरकान हैंडीक्रॉफ्ट सामना बनाने का काम करते थे। सोमवार दोपहर बाद वह किसी को सामान देने की बात कह कर जामा मस्जिद जानेे की बात कह घर से निकले थे।


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vasudha

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