उपाय: सावन के पहले मंगल हनुमान मिटाएंगे अमंगल

punjabkesari.in Monday, Jul 18, 2016 - 10:05 AM (IST)

हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं अर्थात वे भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार माने जाते हैं। पंचांग के अनुसार श्रवण हिंदू वर्ष का पांचवा महीना है और शिव भक्ति का ही विशेष काल है। श्रावण मास हिन्दू सनातन परंपराओं के अनुसार मनुष्य जीवन के चार संयम की अहमियत बताने वाला महीना है। एकादश रुद्र अवतार का चरित्र भी संयम, शौर्य, पराक्रम, बुद्धि, बल, पवित्रता, संकल्प शक्तियों के बूते जीवन को कष्ट, बाधाओं व संकटों से दूर रखने की प्रेरणा देता है। 

 

सावन के महीने के मंगलवार को हनुमानजी की साधना बड़ी फलदायी मानी जाती है। हनुमान उपासना के साथ उपायों को अपनाकर जीवन में आ रही अनेक परेशानियों और बाधाओं से फौरन निजात पाया जा सकता है। भगवान शंकर की भांति श्री हनुमान की भक्ति में शुद्ध और पवित्र आचरण, विचार और व्यवहार से जीवन में निर्भयता, आत्मविश्वास और प्रेम आता है। जिससे इंसान जीवन के हर क्षेत्र में मजबूती के साथ कदम बढ़ाता चला जाता है।

 

उपाय: मंगलवार को शिवालय में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा का पंचोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक जलाएं। अगरबत्ती जलाएं। सिंदूर चढ़ाएं। गुडहल के लाल फूल चढ़ाएं। गुड़ का भोग लगाएं। सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर श्री हनुमान जी को इस मंत्र से सफलता की कामना के साथ चोला चढ़ाएं। 

 

मंत्र: दिव्यनामसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम्। तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो।।

 

चोला चढाने के बाद शिवलिंग की पंचोपचार पूजा करें। शुद्ध घी में सिंदूर मिलाकर दीपक करें। गूगल से धूप करें। लाल कनेर के फूल चढ़ाएं। सिंदूर से शिवलिंग पर तिलक करें। और मिष्ठान का भोग लगाएं। पूजा के बाद इस मंत्र का 108 रुद्राक्ष की माला से जाप करें।

 

मंत्र: ॐ क्रीं योगपट्टाभिरामाय नमः शिवाय ।।

 

पूजा-पाठ के बाद शिवलिंग और हनुमान जी की आरती करें। हनुमान जी पर चढ़े हुए सिंदूर से घर के मुख्यद्वार पर स्वस्तिक बनाएं। यह उपाय सफलता देने के साथ-साथ संकट का नाश भी करता है।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 


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