कंपनियों के लिए अनुपालन बोझ कम करने की जरूरतः कामत
punjabkesari.in Saturday, May 27, 2023 - 11:47 AM (IST)
मुंबई, 26 मई (भाषा) राष्ट्रीय अवसंरचना वित्त पोषण और विकास बैंक (नैबफिड) के प्रमुख के वी कामत ने शुक्रवार को कहा कि देश में कंपनियों के लिए नियमों के ''अनुपालन बोझ'' को दुरूस्त करने के साथ मुकदमों में कमी लाने का भी जरूरत है।
कामत ने कहा कि सरकार को मुकदमेबाजी और कर कानूनों पर चिंताओं में बहुत तेजी से कमी लाने की जरूरत है।
उन्होंने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''''...अनुपालन के स्तर और अनुपालन बोझ को ठीक करने की जरूरत है।''''
कामत ने कहा कि जब सरकार ने खुद ही कारोबार के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाने की बात कही तो उसने खुद ही अनुपालन से जुड़े मुद्दों की पहचान की है।
हालांकि उन्होंने इसकी वजह से निवेशकों के भरोसे पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि निवेशकों को जहां भी मूल्य दिखता है, वे वहां चले आएंगे।
कामत ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर समग्र वैश्विक धारणा का असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि कंपनियों का क्षमता उपयोग 85 प्रतिशत की सीमा पार करते ही निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय जोर पकड़ने लगेगा।
उन्होंने कहा कि कारोबारी दिग्गज अपने उत्पादों के लिए मांग आने तक अपने निवेश निर्णयों को रोककर रखे हुए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि मांग सुस्त नहीं पड़ी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कामत ने कहा कि सरकार को मुकदमेबाजी और कर कानूनों पर चिंताओं में बहुत तेजी से कमी लाने की जरूरत है।
उन्होंने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''''...अनुपालन के स्तर और अनुपालन बोझ को ठीक करने की जरूरत है।''''
कामत ने कहा कि जब सरकार ने खुद ही कारोबार के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाने की बात कही तो उसने खुद ही अनुपालन से जुड़े मुद्दों की पहचान की है।
हालांकि उन्होंने इसकी वजह से निवेशकों के भरोसे पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि निवेशकों को जहां भी मूल्य दिखता है, वे वहां चले आएंगे।
कामत ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर समग्र वैश्विक धारणा का असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि कंपनियों का क्षमता उपयोग 85 प्रतिशत की सीमा पार करते ही निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय जोर पकड़ने लगेगा।
उन्होंने कहा कि कारोबारी दिग्गज अपने उत्पादों के लिए मांग आने तक अपने निवेश निर्णयों को रोककर रखे हुए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि मांग सुस्त नहीं पड़ी है।
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